अमेरिकी टैरिफ से आंध्र प्रदेश को 25 हजार करोड़ का हुआ नुकसान, चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र से मांगी मदद
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अमेरिकी टैरिफ के कारण राज्य के झींगा निर्यात को 25 हजार करोड़ के नुकसान की आशंका जताई है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत अन्य मंत्रियों को पत्र लिखकर मदद मांगी है। नायडू ने झींगा निर्यात में आंध्र प्रदेश की 80 फीसदी हिस्सेदारी का हवाला दिया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि राज्य के झींगा निर्यात को इसे 25 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। चंद्रबाबू नायडू ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल और मत्स्य पालन मंत्री राजीव रंजन सिंह को पत्र लिखा है।
चंद्रबाबू नायडू ने पत्र में लिखा है कि 'अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से झींगा निर्यात पर असर पड़ा है। अनुमान है कि इससे 25 हजार करोड़ का नुकसान हुआ होगा और 50 फीसदी एक्सपोर्ट ऑर्डर कैंसिल कर दिए गए हैं।'
झींगा निर्यात में अग्रणी आंध्र प्रदेश
दरअसल देश के झींगा निर्यात में आंध्र प्रदेश की 80 फीसदी की हिस्सेदारी है। वहीं भारत के कुल समुद्री निर्यात का 34 फीसदी आंध्र प्रदेश एक्सपोर्ट करता है। कुल निर्यात लगभग 21,246 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का है। राज्य के 2.5 लाख परिवार और 30 लाख से अधिक लोग जलीय कृषि क्षेत्र पर निर्भर हैं।
नायडू ने कहा कि 2000 कंटेनरों से होने वाले निर्यात पर 600 करोड़ रुपये तक टैक्स लगाया गया है। सीएम नायडू ने हर संभव मदद का वादा किया है। उन्होंने केंद्र से जलीय कृषि उत्पादों के घरेलू उपयोग को बढ़ाने के लिए जीएसटी और फाइनेंस को फ्लेक्सिबल बनाने का अनुरोध किया है। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि खाद्य पदार्थों की खपत को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता फैसला की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति समुद्री खाद्य पदार्थों की खपत केवल 12-13 किलोग्राम प्रति वर्ष है, जबकि वैश्विक औसत 20-30 किलोग्राम है। नायडू ने केंद्र सरकार से दक्षिण से जलीय कृषि उत्पादों की शिपिंग के लिए ट्रेनें चलाने का अनुरोध भी किया, साथ ही पैकेजिंग और कोल्ड-चेन सुविधाओं को मजबूत करने का आह्वान किया।
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