Assam : एक करोड़ पौधे लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का रखा लक्ष्य, CM सरमा ने की 'अमृत बृक्ष आंदोलन' की शुरुआत
राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने 17 सितंबर (रविवार) को गुवाहाटी के जनता भवन में अमृत बृक्ष आंदोलन में हिस्सा लिया। पहल का शुभारंभ करते हुए सीएम सरमा ने कहा आज हमने 1 करोड़ पौधे लगाने और उसके संरक्षण की प्रक्रिया शुरू की है। हमने 9 सितंबर से कुछ विश्व रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की है।

गुवाहाटी, एएनआई। पर्यावरण संरक्षण के लिए देश भर में अक्सर पौधारोपण कर हरियाली बढ़ाने पर जोर दिया जाता है। इसी कड़ी में असम में एक करोड़ पौधे लगाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की पहल की गई है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने 17 सितंबर (रविवार) को गुवाहाटी के जनता भवन में 'अमृत बृक्ष आंदोलन' में हिस्सा लिया।
पौधों की सुरक्षा प्रक्रिया शुरू
मुख्यमंत्री के पौधा लगाने के साथ ही इस अभियान में पौधों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। पहल का शुभारंभ करते हुए सीएम सरमा ने कहा, ''आज हमने 1 करोड़ पौधे लगाने और उसके संरक्षण की प्रक्रिया शुरू की है। हमने 9 सितंबर से कुछ विश्व रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की है। हालांकि हमें अभी तक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्राधिकार से प्रमाण पत्र नहीं मिला है। उन्होंने आगे बताया कि हमने 9 सितंबर को 3 लाख से अधिक पौधों के साथ सर्पिल पैटर्न की 22.22 किमी लंबी लाइन लगाई। यह विश्व रिकॉर्ड का हिस्सा होना चाहिए।
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प्रधानमंत्री मोदी ने की 'अमृत बृक्ष आंदोलन' की सराहना
असम 'अमृत बृक्ष आंदोलन' की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 सितंबर (शनिवार) को सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की पहल से स्वच्छ और हरित विकास के हमारे राष्ट्रीय मिशन को और बढ़ावा मिलेगा। पीएम मोदी ने असम के सीएम सरमा को पत्र लिखकर कहा, ''प्रिय हिमंत बिस्वा सरमा जी, मुझे आपका पत्र मिला और 'अमृत बृक्ष आंदोलन' के शुभारंभ के बारे में जानकर खुशी हुई। पूरे असम में एक करोड़ पौधे लगाने का विचार सराहनीय और प्रशंसनीय है।
प्रकृति और प्रगति को एक साथ लाना नए भारत के विकास मॉडल की पहचान: पीएम
इसके साथ ही पीएम मोदी ने अपने पत्र में आगे एक संस्कृत संदेश का भी जिक्र किया, जिसका भावार्थ है 'पेड़ हवा को शुद्ध करते हैं और बीमारियों को दूर भगाने में सहायक होते हैं। इस प्रकार वृक्षों का रोपण एवं संरक्षण प्राणियों के लिए लाभकारी है।' उन्होंने कहा कि प्रकृति और प्रगति को एक साथ लाना नए भारत के विकास मॉडल की पहचान रही है।
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