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    अमित शाह का असम से आह्वान: घुसपैठियों को बाहर करने वाली सरकार चुनें, कांग्रेस पर साधा निशाना

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 10:40 PM (IST)

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के लोगों से अगले साल के विधानसभा चुनाव में घुसपैठियों को खदेड़ने और राज्य के विकास के लिए काम करने वाली सरकार चुनन ...और पढ़ें

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    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह। (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को असम के लोगों से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में घुसपैठियों को खदेड़ने वाली और राज्य के विकास के पक्ष में काम करने वाली सरकार चुनने की अपील की। उन्होंने कहा कि भाजपा असम ही नहीं पूरे देश से घुसपैठियों को भगाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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    शाह ने कांग्रेस को घेरा और उस पर आरोप लगाया कि वह घुसपैठियों को अपना वोट बैंक समझती है। इन घुसपैठियों के कारण असमिया लोगों की पहचान को खतरा पैदा हो गया है। अमित शाह ने यहां पांच हजार सीटों की क्षमता वाले सभागार के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'दस वर्ष पहले असम के लिए यह एक लंबे बुरे सपने जैसा था। बंद, नाकाबंदी, गोलीबारी और बम विस्फोट आम बात थी। कई विद्रोही समूह सक्रिय थे। आंदोलन हो रहे थे।'

    गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा के दस वर्ष के शासन और केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल में असम ने प्रगति की है। उन्होंने कहा, 'पिछले दस वर्षों में भाजपा सरकार के नेतृत्व में असम में काफी प्रगति हुई है। भाजपा को अगले पांच वर्षों का आशीर्वाद दें और हर घुसपैठिए की पहचान कर उसे वापस भेज दिया जाएगा। इससे असम की पहचान, भाषा, संस्कृति और भोजन की रक्षा होगी। अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में होने वाले चुनाव में ऐसी सरकार चुनें, जो घुसपैठ को रोके और असम के विकास के लिए काम करे।'

    शाह ने कांग्रेस को अमस में घुसपैठ की समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा, 'वोट बैंक के लिए कांग्रेस ने घुसपैठ को बढ़ावा दिया, जिससे आज असम की पहचान को खतरा है।' उन्होंने अवैध प्रवासी (न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारण) (आइएमडीटी) अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा, 'असम की संस्कृति और पहचान की बात करने वाले लोग खुद 1983 में एक एक कानून लाए थे।'

    सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में इस कानून को निरस्त कर दिया था, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय का मानना था कि यह कानून अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन में सबसे बड़ी बाधा है। अमित शाह ने असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई के योगदान को याद किया, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया था कि राज्य भारत का हिस्सा बना रहे। उन्होंने कहा, 'गोपीनाथ बोरदोलोई ने ही जवाहरलाल नेहरू को असम को देश का हिस्सा बनाए रखने के लिए मजबूर किया था।'

    बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि

    अमित शाह ने गुवाहाटी में पुलिस आयुक्त कार्यालय के 111 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नए भवन और शहर के लिए दो हजार सीसीटीवी कैमरों वाली निगरानी प्रणाली का उद्घाटन किया। उन्होंने नवनिर्मित पुलिस आयुक्त कार्यालय में सीआइडी द्वारा आपराधिक कानूनों पर लगाई गई एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

    इससे पहले उन्होंने असम में अवैध प्रवासियों के खिलाफ चलाए गए आंदोलन (असम आंदोलन) के बलिदानियों को 'शहीद स्मारक क्षेत्र' में श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने राज्य के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई, संगीत सम्राट भूपेन हजारिका, गायक जुबिन गर्ग और प्रसिद्ध अहोम जनरल लाचित बोरफुकन को श्रद्धांजलि दी।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)