'पहलगाम आतंकी हमले की जांच से कटघरे में आएगा पाकिस्तान', अमित शाह की दो टूक
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की सफल जांच ने "पाकिस्तान के आतंकवादी आकाओं" को करारा जवाब दिया है। उन्होंने देश भर में पुलिस बलों के ...और पढ़ें

गृह मंत्री अमित शाह। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत के लोगों ने अपनी सुरक्षा बलों के जरिए पहलगाम आतंकवादी हमले की सफल जांच करके "पाकिस्तान के आतंकवादी आकाओं" को करारा और मुंहतोड़ जवाब दिया है।
गृह मंत्री ने एक आतंकवाद विरोधी बैठक में कहा कि पहलगाम हमले की जांच एक पुख्ता जांच का उदाहरण है। वहीं, आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन्स में पुलिस बलों को बराबरी पर लाने के लिए एक बड़े कदम के तहत, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को देश भर में पुलिस बलों के लिए एक कॉमन एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) स्ट्रक्चर की जरूरत पर जोर दिया और इसे भारत की आतंकवाद विरोधी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बहुत जरूरी बताया।
अमित शाह ने दिया निर्देश
उन्होंने सभी पुलिस महानिदेशकों (DGP) को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द यूनिफॉर्म ATS फ्रेमवर्क को लागू करें। नई दिल्ली में कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद एंटी-टेररिज्म कॉन्फ्रेंस-2025 को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि एक स्टैंडर्ड एटीएस स्ट्रक्चर से कानून लागू करने के हर लेवल पर एक जैसी तैयारी सुनिश्चित होगी।
एनआईए ने किया बड़े पैमाने पर काम
गृह मंत्रालय (MHA) के अनुसार, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने कॉमन फ्रेमवर्क डेवलप करने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और इसे पहले ही राज्य पुलिस बलों के साथ शेयर कर दिया है।
गृह मंत्री ने कहा कि पूरे देश में एक यूनिफाइड एटीएस सिस्टम अपनाने से सुरक्षा एजेंसियों को ज्यादा तालमेल और कुशलता से काम करने में मदद मिलेगी। कहा गया कि इस तरह की एकरूपता से एजेंसियों की खतरों का सही-सही अंदाजा लगाने, इंटेलिजेंस को प्रभावी ढंग से शेयर करने और तालमेल वाले आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन चलाने की क्षमता बढ़ेगी।
अमित शाह ने इस बात पर दिया जोर
शाह ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य की एटीएस यूनिट्स को नेशनल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म जैसे कि गिरफ्तार नशीले पदार्थों के अपराधियों पर नेशनल इंटीग्रेटेड डेटाबेस (NIDAAN) और नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) का नियमित रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ये टूल्स जांच को अलग-थलग होने से रोकते हैं और मामलों के बीच छिपे हुए लिंक को खोजने में मदद करते हैं। गृह मंत्री ने सुझाव दिया कि कुछ खास तरह की जांच में NATGRID का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाना चाहिए, जबकि NIDAAN को कुछ खास मामलों में जरूरी किया जाना चाहिए।

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