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'साइबर क्राइम और डार्क नेट से रहना होगा सतर्क' जी 20 बैठक में अमित शाह बोले- इंटरनेट के जरिए पनप रहा आतंकवाद

गृह मंत्री अमित शाह ने जी-20 की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लिया। एनएफटी एआई और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा के विषय पर उन्होंने अपनी बात रखी। साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे पर भी गृह मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के जरिए फेक न्यूज भी काफी फैलाया जा रहा है जो राष्ट्रीय चिंता का विषय है।

By AgencyEdited By: Piyush KumarPublished: Thu, 13 Jul 2023 06:46 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2023 06:46 PM (IST)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की फाइल फोटो।(फोटो सोर्स: जागरण)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वैश्विक सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा को अहम बताया है। जी-20 के तहत पहली बार साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर गुरुग्राम में हो रहे सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने इसे वक्त की जरूरत बताते हुए कहा कि असुरक्षित साइबर स्पेस राष्ट्र-राज्य की प्रासंगिकता और संप्रुभता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। साथ ही उन्होंने फेक न्यूज, टूलकिट और दुष्प्रचार के कैंपेन के रोकने के लिए साझा रणनीति बनाने पर जोर दिया।

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डिजिटल परिवर्तन के दौर में सुरक्षा पहलू को समझना जरूरी: शाह

अमित शाह के अनुसार अभी तक जी20 सम्मेलनों में आर्थिक दृष्टिकोण से डिजिटल परिवर्तन और डाटा के आदान-प्रदान पर ध्यान दिया जाता था। लेकिन डिजिटल परिवर्तन के इस दौर में इसके अपराधिक और सुरक्षा के पहलू को समझना और इसका समाधान निकालना बहुत जरूरी है।

साइबर हमलों से सुरक्षा किसी एक देश के बूते की बात नहीं: अमित शाह

उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में हो रही जी20 की बैठक में पहली बार साइबर सुरक्षा के लिए नई और अनूठी पहल हुई है। पिछले 10 सालों में भारत के एक डिजिटल राष्ट्र के रूप में परिवर्तन को रेखांकित करते हुए शाह ने बताया कि किस तरह से भारत साइबर सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाये हैं। लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि साइबर हमलों से सुरक्षा किसी एक देश के बूते की बात नहीं है और इसके लिए पूरी दुनिया को साझा प्रयास करना होगा।

फेक न्यूज, टूलकिट और दुष्प्रचार कैंपेन से निपटने पर अमित शाह ने दिया जोर

उन्होंने विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें 2019 से 2013 के बीच साइबर हमलों से दुनिया को लगभग 5.2 ट्रिलियन डॉलर के नुकसान की आशंका जताई गई है। उन्होंने फेक न्यूज, टूलकिट और दुष्प्रचार कैंपेन को रोकने और डायनामाइट से मेटावर्स और हवाला से क्रिप्टो करेंसी में बदल गई पारंपरिक चुनौतियों से निपटने के लिए साझा रणनीति बनाने पर बल दिया।

हमें बीच का रास्ता अपना होगा: अमित शाह

साइबर सुरक्षा को जरूरी बताते हुए अमित शाह ने यह भी साफ कर दिया कि हमें बीच का रास्ता अपनाना होगा। उनके अनुसार हम न तो अत्यधिक आजादी देकर राष्ट्र को संकट में डालने का खतरा उठा सकते हैं और न ही डिजिटल फायरवाल जैसे माध्यमों का इस्तेमाल कर खुद अलग-थलग रख सकते हैं।

शाह ने प्रतिनिधियों से सम्मेलन के दौरान डिजिटल अपराधों को काउंटर करने के लिए सभी देशों के कानूनों में एकरूपता लाने और साइबर अपराधों के सीमा रहित प्रकृति को देखते हुए देशों के अलग-अलग कानूनों के अनुरूप कार्रवाई करने की व्यवस्था खड़ी करने के साथ ही साइबर सुरक्षा के मानक तैयार करने, एक दूसरे के बेतरीन क्रियाकलापों को अपनाने और नियमन में तालमेल बनाने के लिए विश्विक सहयोग बढ़ाने पर विचार करने को कहा।

डार्कनेट को लेकर अमित शाह ने क्या कहा?  

अमित शाह ने डार्कनेट और मेटावर्स को युवाओं में कट्टरता फैलाने से लेकर आतंकी फंडिंग और ट्रेनिंग के लिए हो इस्तेमाल को लेकर भी सचेत किया। उन्होंने कहा कि डार्कनेट पर चलने वाली इन गतिविधियों के पैटर्न को समझना होगा और उससे निपटने के उपाय भी ढूंढने होंगे।

इसके लिए एक मजबूत और कारगर आपरेशनल सिस्टम बनाने के लिए हमें साझा प्रयास करना होगा। शाह ने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन साइबर सुरक्षा की दिशा में एक ठोस एक्शन प्लान तैयार करने में सफल होगा


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