अमित शाह फिर बने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पीएम मोदी बने प्रस्तावक
भाजपा को विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनाने वाले अमित शाह को पार्टी ने एक बार फिर अपना अध्यक्ष चुन लिया। रविवार को चुनाव के बाद उन्हें अगले तीन साल के लिए पार्टी की कमान सौंप दी गई। हालांकि, औपचारिक रूप से यह उनका पहला कार्यकाल है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा को विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनाने वाले अमित शाह को पार्टी ने एक बार फिर अपना अध्यक्ष चुन लिया। रविवार को चुनाव के बाद उन्हें अगले तीन साल के लिए पार्टी की कमान सौंप दी गई। हालांकि, औपचारिक रूप से यह उनका पहला कार्यकाल है। अब तक वे राजनाथ सिंह के बचे हुए कार्यकाल की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके बाद पार्टी संविधान के अनुसार अगले कार्यकाल के लिए भी उनका रास्ता खुला है। उनका वर्तमान कार्यकाल जनवरी 2019 तक होगा। 2019 में ही लोकसभा चुनाव है और सामान्यत: चुनाव के वक्त अध्यक्ष को नहीं बदला जाता है। इससे पहले 18 महीनों के कार्यकाल में उन्होंने भाजपा को नई ऊंचाई दी है।
निर्विरोध हुआ निर्वाचन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत संसदीय बोर्ड के कई सदस्यों, मंत्रियों, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य ने शाह के नाम का प्रस्ताव किया था। एक दर्जन से ज्यादा राज्य संगठनों की ओर से भी शाह के नाम का ही प्रस्ताव आया। मैदान में कोई दूसरा नाम नहीं था। लिहाजा केंद्रीय चुनाव प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने उन्हें सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया।
आडवाणी और जोशी रहे दूर
पूर्व अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने शाह के चुनाव कार्यक्रम से दूर रहकर फिर से जता दिया कि उनकी नाराजगी बनी हुई है। इससे पहले बिहार चुनाव के बाद भी इन नेताओं ने खुलेआम अपनी नाराजगी का इजहार किया था। हालांकि, शाह ने अब खुद उनके घर जाने का मन बनाया है। बताते हैं कि वह रविवार रात या सोमवार को इन दोनों नेताओं के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से आशीर्वाद लेने उनके घर जाएंगे। परोक्ष रूप से यह आडवाणी और जोशी की उस चिट्ठी का भी जवाब होगा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी हिटलरवादी हो गई है। यशवंत सिन्हा और शांता कुमार भी रविवार के चुनाव कार्यक्रम में नहीं दिखे।
संसदीय बोर्ड करेगा सम्मान
चुनाव के वक्त राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू जैसे संसदीय बोर्ड के कुछ सदस्य मौजूद थे, लेकिन औपचारिक रूप से शाह का सम्मान बृहस्पतिवार को होगा। उस बैठक में प्रधानमंत्री भी मौजूद होंगे। सूत्रों का कहना है कि उस दिन ही आगे की चुनौतियों पर भी चर्चा होगी।
खट्टर छोड़ बाकी हाजिर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को छोड़कर भाजपा के सभी मुख्यमंत्री चुनाव के वक्त मुख्यालय में मौजूद थे। हरियाणा की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने शाह के पक्ष में प्रस्ताव रखा था। अधिकतर नेताओं ने ध्यान रखा कि चुनाव प्रक्रिया के वाले कमरे में जाने से पहले बाहर ही शाह के प्रति समर्थन जताएं।
भाजपा अध्यक्ष पद पर दोबारा ताजपोशी के बाद पार्टी मुख्यालय में जमकर जश्न मनाया जा रहा है।
नए अध्यक्ष के तौर पर 28 जनवरी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का संसदीय बोर्ड की बैठक में औपचारिक तौर से स्वागत किया जाएगा।
पीएम बने प्रस्तावक
अमित शाह के प्रस्तावकों में पीएम मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, जे पी नड्डा, मुख्तार अब्बास नकवी, नितिन गडकरी, मनोहर पर्रिकर और सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे।
वरिष्ठ नेताओं ने की तारीफ
ताजपोशी से ठीक पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अमित शाह की जमकर तारीफ की। उनके कुशल नेतृत्व की सराहना करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बधाई दी।
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अमित शाह के असाधारण नेतृत्व में पार्टी ने नया मुकाम हासिल किया है। अपने असाधारण कौशल से वो लोकसभा चुनाव में भाजपा को इतनी बड़ी विजय दिलाने में कामयाब हुए।
पार्टी को अमित शाह जी के नेतृत्व पर गर्व है। उनके कुशल मार्गदर्शन में कार्यकर्ताओं के उत्साह में बढ़ा है- जे पी नड्डा ,केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से जुड़ाव अमित शाह जी की सबसे बड़ी खूबी है- जीतेंद्र सिंह, पीएमओ में मंत्री
भाजपा को बड़ी पार्टी बनाने में अमित शाह की योगदान अहम है। पार्टी उनके कुशल नेतृत्व में और आगे बढ़ेगी-अनुराग ठाकुर, सांसद, भाजपा
पार्टी मुख्यालय पर जश्न
भाजपा अध्यक्ष पर अमित शाह की दोबारा ताजपोशी पर कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया।
ढोल और नगाड़ों के साथ कार्यकर्ताओं ने खुशी का इजहार किया।
देश के अलग अलग इलाकों में अमित शाह की ताजपोशी पर जश्न मनाया जा रहा है। बेंगलुरु में कार्यकर्ताओं ने जमकर पटाखे फोड़े।
लखनऊ में जश्न
लखनऊ में भी कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया और पटाखे फोड़कर खुशी का इजहार किया।
राजनाथ के बाद मिला था पद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद भरोसेमंद माने जाने वाले शाह को जुलाई 2014 में उस वक्त अध्यक्ष चुना गया था, जब राजनाथ सिंह केंद्रीय गृह मंत्री बना दिए गए थे। अमित शाह अभी तक राजनाथ सिंह के अध्यक्ष कार्यकाल के शेष अवधि में अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर रहे थे।
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