India-US Relations: मोदी के कार्यकाल में भारत से संबंध और प्रगाढ़ : अमेरिका
पटेल ने एक इंटरव्यू में कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में भी भारत और अमेरिका अहम साझीदार रहे हैं। इतने गहरे संबंध पीएम मोदी के कार्यकाल में हुए हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका-भारत संबंध सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से क्षेत्रों में भारत सबसे अहम साझीदार है और भारत ने अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण भूमिका हासिल की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं।
भारत और अमेरिका रक्षा व सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में अहम साझीदार
पटेल ने एक इंटरव्यू में कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में भी भारत और अमेरिका अहम साझीदार रहे हैं। इतने गहरे संबंध पीएम मोदी के कार्यकाल में हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आपको यह याद रखना चाहिए कि भारत-अमेरिका विश्व की दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। भारत का जी-20 की अध्यक्षता को लेकर महत्वाकांक्षी एजेंडा है। भारत ने हाल में यूक्रेन संघर्ष समेत कई विषयों में एक विशेष स्थान हासिल किया है।
पटेल ने कहा, 'मेरे विचार से भारत ने अविश्वसनीय रूप से अपनी अहम भूमिका बना ली है। इस साल के अहम चीजों में भारत की जी-20 की अध्यक्षता है। भारत के जी-20 के एजेंडा पर अमेरिका भी साझेदारी करने को तैयार है। जहां तक यूक्रेन का मुद्दा है आपने देखा है कि प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर ने बहुत स्पष्ट कर दिया है कि यह युद्ध का समय नहीं है। इस पर एक प्रस्ताव लाने की जरूरत है जो यूएन चार्टर जैसा हो। यही सब मूल्य दोनों देश साझा करते हैं।'
पटेल ने कहा कि भारत और अमेरिका रक्षा व सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में अहम साझीदार हैं। उन्होंने रूस से इंडियन आयल की खरीद पर कहा कि हरेक देश अपना निर्णय लेगा। लेकिन अमेरिका तेल और ऊर्जा के बाजार में प्रवाह के लिए प्राइस कैप की अनुमति की वकालत करता है।
साथ ही अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि रूस को अत्यधिक लाभ नहीं हो ताकि वह इस रकम को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में इस्तेमाल नहीं कर सके। अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस का हवाला देते हुए पटेल ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय बेहद जीवंत है। पिछले 50-60 वर्षों से माइग्रेट होकर अमेरिका आए भारतीयों को यह पता है कि भारतीय मूल के व्यक्ति को कैसे उप राष्ट्रपति बनाना है।