अमर्त्य सेन बोले, पीएम के रूप में पसंद नहीं हैं मोदी
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में पसंद नहीं हैं। वह नहीं चाहते कि मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनें, क्योंकि उनकी साख धर्मनिरपेक्ष नहीं है। दिग्गज अर्थशास्त्री ने मोदी के शासन मॉडल को अस्वीकार करते हुए कहा कि वह इस पर सहमति नहीं दे सकते।
नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में पसंद नहीं हैं। वह नहीं चाहते कि नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनें, क्योंकि उनकी साख धर्मनिरपेक्ष नहीं है। दिग्गज अर्थशास्त्री ने मोदी के शासन मॉडल को अस्वीकार करते हुए कहा कि वह इस पर सहमति नहीं दे सकते। उनका कहना है कि गुजरात मॉडल को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में बहुत कुछ करने की जरूरत है। इससे उलट उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की।
अंग्रेजी समाचार चैनल सीएनएन-आइबीएन को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि एक भारतीय नागरिक होने के नाते मैं अपने प्रधानमंत्री के रूप में मोदी को नहीं चाहता। क्योंकि उन्होंने अल्पसंख्यकों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया। जबकि वह ऐसा कर सकते थे। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि असुरक्षित महसूस करने के लिए मुझे अल्पसंख्यक समुदाय का सदस्य होना जरूरी नहीं है।
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सेन ने कहा कि हम भारतीय ऐसी स्थिति नहीं चाहते जिसमें अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस करें और तर्कसंगत रूप से यह सोचें कि 2002 में उनके खिलाफ संगठित हिंसा हुई थी। मैं समझता हूं कि यह एक खौफनाक रिकार्ड है और भारतीय नागरिक के रूप में मैं ऐसा प्रधानमंत्री नहीं चाहता, जिसका इस तरह का रिकार्ड रहा हो। सेन ने गुजरात के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि वहां भौतिक बुनियादी ढांचा अच्छा हो सकता है, लेकिन गुजरात मॉडल को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में बहुत कुछ करने के साथ समता लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मोदी ने अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया। मोदी और नीतीश कुमार की तुलना के सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों के बीच तुलना ठीक नहीं होगा। नीतीश सबसे गरीब राज्य को देख रहे हैं जबकि मोदी इससे अपेक्षाकृत एक अमीर राज्य के मुखिया हैं।
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मुझे लगता है कि नीतीश कुमार के पास बड़ा दृष्टिकोण है, जो कि बिहार के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। नीतीश शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दे रहे हैं, जो कि सराहनीय है। वह जापान, ताईवान, कोरिया, हांगकांग और सिंगापुर से प्रेरणा लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका रिकार्ड बहुत अच्छा है।
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