दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-लुधियाना व अमृतसर-कटरा ईवे का एलाइनमेंट तय
गडकरी ने कहा कि देश में पहली बार सड़क, रेल, विमानन और जहाजरानी के बीच सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास हो रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-लुधियाना तथा अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस के निर्धारित रास्तों (एलाइनमेंट) को अंतिम रूप दे दिया गया है। जल्द ही इनका निर्माण प्रारंभ होगा। इस बात की जानकारी सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने दी। वह इंडिया इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स समिट-2017 का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से मुखातिब थे।
गडकरी ने कहा कि सरकार ने दिल्ली-मेरठ, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे समेत पांच एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रारंभ कर दिया है। जबकि बाकी सात का निर्माण भी शीघ्र प्रारंभ होने की आशा है। इनमें गुड़गांव-द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-लुधियाना तथा अमृतसर-कटरा, बंगलूर-चेन्नई, हैदराबाद-विजयवाड़ा, नागपुर-हैदराबाद तथा वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे शामिल हैं। वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण इसी वर्ष प्रारंभ हो जाएगा। जबकि ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसेवे के अगस्त तक तथा हरियाणा सरकार द्वारा निर्मित वेस्टर्न एक्सप्रेसवे के नवंबर तक पूरा होने की आशा है। इससे दिल्ली के भीतर से गुजरने वाला आधा यातायात बाहर हो जाएगा।
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गडकरी के अनुसार अभी रोजाना 23 किलोमीटर के हिसाब से सड़कें बन रही हैं। इसे मार्च, 2018 तक 40 किलोमीटर रोजाना तक पहुंचा दिया जाएगा। भारत दुनिया में अकेला देश है जहां इतनी तेजी से सड़कों का निर्माण हो रहा है। भारतमाला के तहत दो लाख करोड़ रुपये के निवेश से 20 हजार किलोमीटर सीमावर्ती सड़कों का नया नेटवर्क खड़ा होगा।
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गडकरी ने कहा कि देश में पहली बार सड़क, रेल, विमानन और जहाजरानी के बीच सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास हो रहा है। इसके लिए देश के विभिन्न भागों में तकरीबन 36 लॉजिस्टक्स पार्क स्थापित किए जाएंगे। ताकि शहरों के भीतर बने गोदामों को शहर के बाहर ले जाया जाकर जाम को कम किया जा सके। सरकार ने 20 हजार किलोमीटर कुल लंबाई वाले 111 जलमार्गो की घोषणा की है। इन्हें भी लॉजिस्टिक्स पार्को से जोड़ा जाएगा। इन पार्को के साथ-साथ औद्योगिक पार्क, बैंक, पेट्रोल पंप, फूड प्लाजा, मनोरंजन केंद्र आदि भी स्थापित किए जाएंगे।
इलेक्टि्रक वाहनो का निर्माण
गडकरी ने कहा कि अगले साल से देश में बड़े पैमाने पर इलेक्टि्रक बसों, कारों और ऑटो रिक्शा का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए दस कंपनियों ने आवेदन किए हैं। इलेक्टि्रक वाहनों के लिए आरडीएसओ की तकनीक पर निजी कंपनियों ने किफायती दामों पर लिथियम बैटरी बनाने का बीड़ा उठाया है। जहाजरानी क्षेत्र में भी एलएनजी का इस्तेमाल होगा। इसी तरह दूसरी पीढ़ी के उन्नत ईथनॉल के उत्पादन की दिशा में भी काम चल रहा है। इसके मानक तय किए जा रहे हैं।
समाप्त-संजय