गुजरात को कांग्रेस मुक्त करने के अभियान में जुटे अमित शाह
अहमद पटेल व केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी तथा सांसद दिलीप पंड्या को अगस्त 2011 में राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया था।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एक और चुनाव होगा जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के भाग्य का फैसला होगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर्दे के पीछे राज्यसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं, शाह गुजरात से कांग्रेस को जड़ से समाप्त करने का प्रदेश कार्यकारिणी में प्रण ले चुके हैं।
लोकसभा के लिए मई 2014 में हुए चुनावों में भाजपा ने गुजरात की सभी 26 सीटों पर कब्जा जमाया था, कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं लगी थी। गुजरात से राज्यसभा की 11 सीट में से फिलहाल 2 सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल व वरिष्ठ नेता मधुसुदन मिस्त्री गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं। अहमद पटेल व केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी तथा सांसद दिलीप पंड्या को अगस्त 2011 में राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया था। इनका कार्यकाल अगस्त 2017 को पूरा होगा।
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भाजपा का प्रयास है कि लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी गुजरात से कोई कांग्रेस नेता नहीं पहुंचे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह विधानसभा चुनाव के साथ पर्दे के पीछे राज्यसभा चुनाव की गणित बिठाने में लगे हैं ताकि अहमद पटेल को रोका जा सके। गुजरात विधानसभा की 182 सीट हैं इनमें भाजपा की 120, कांग्रेस की 57,एनसीपी के 2 व जदयू व निर्दलीय के पास एक-एक हैं। एक राज्यसभा सांसद को औसतन 45 से 46 विधायकों के समर्थन की जरुरत है। चुनाव के इस फॉरमेट के आधार पर सीधे सीधे तीन सीट में से एक पर कांग्रेस तथा 2 पर भाजपा की जीत निश्चित है लेकिन अमित शाह कांग्रेस को झटका देने के मूड में हैं।
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अमित शाह कांग्रेस मुक्त भारत से पहले वे कांग्रेस मुक्त गुजरात बनाने को उतावले हैं, सोमनाथ में हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में शाह ने खुला ऐलान किया था कि प्रदेश में कांग्रेस को जड़ से समाप्त करना है। इसी सपने को पूरा करने के लिए शाह गुजरात में कांग्रेस की कमजोर कड़ियों को तलाश रहे हैं, कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर चल रही खींचतान पर भी शाह की सीधी नजर है।