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    आकाशतीर के अचूक निशाने की मुरीद होने लगी है दुनिया, 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान भी सेना में शामिल करने की तैयारी

    ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि भारत अपनी रक्षा करने में सक्षम है। आकाशतीर प्रणाली ने दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को मार गिराया। डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने कहा कि आकाशतीर की सफलता से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Sat, 24 May 2025 12:04 AM (IST)
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    अचूक तरीके से दुश्मन के विमानों को तबाह करता है आकाशतीर सिस्टम (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नागपुर। ऑपरेशन सिंदूर ने पूरी दुनिया को दिखाया कि भारत अपनी रक्षा करने में खुद सक्षम है। वह दुश्मन की किसी भी हिमाकत का अपने तरीके से माकूल जवाब दे सकता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की आकाशतीर प्रणाली ने जिस अचूक तरीके से दुश्मन के विमानों, ड्रोनों और मिसाइलों का पता लगाया, ट्रैक करके उन्हें मार गिराया उसकी पूरी दुनिया मुरीद होने लगी है।

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    रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख समीर वी. कामत को यकीन है कि स्वदेश में विकसित 'आकाशतीर' वायु रक्षा प्रणाली की सफलता से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे लेकर रुचि और बढ़ेगी। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह प्रणाली नई युद्ध क्षमताओं की अदृश्य शक्ति के रूप में उभरकर सामने आई है।

    रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा भारत

    गौरतलब है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत छह-सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। डीआरडीओ के प्रमुख समीर वी कामत ने गुरुवार को कहा, निश्चित रूप से हमारी वायु रक्षा प्रणाली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। रक्षा क्षेत्र में भारत के 'आत्मनिर्भर' बनने के बारे में कामत ने कहा कि इस दिशा में पर्याप्त प्रगति हुई है, लेकिन पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने के लिए और काम करना होगा।

    उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाएगा। कामत ने कहा कि भविष्य में युद्धों के लिए पारंपरिक हथियारों के साथ ही ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए भी तैयार रहना होगा। भविष्य के संघर्षों में रोबोट सैनिकों की भूमिका निभाने की संभावना को लेकर कामत ने कहा कि निकट भविष्य में ऐसा नहीं होने वाला है।

    कई सुविधाओं से लैस है स्वदेशी 'आकाशतीर'

    • 'आकाशतीर' रडार, सेंसर और संचार प्रणालियों से लैस है। यह लक्ष्य की पहचान कर सटीकता के साथ तेजी से हमला करने में सक्षम है। यह प्रणाली दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने और उन्हें मार गिराने में सक्षम है। इसके जरिये सेना संभावित हवाई खतरों से महत्वपूर्ण संपत्तियों, सैनिकों और बुनियादी ढांचे की बेहतर रक्षा कर सकती है।
    • आकाशतीर का उल्लेखनीय पहलू उसकी गतिशीलता है। यह सुनिश्चित करने के लिए इसके नियंत्रण केंद्र वाहन-आधारित और मोबाइल बनाए गए हैं ताकि चुनौतीपूर्ण संचार वातावरण में भी इसकी संचालन क्षमताएं प्रभावित न हों और जरूरत के हिसाब से एक से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सके।

    स्वदेशी 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान की तैयारी

    डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि स्वदेशी 5.5 पीढ़ी का स्टेल्थ लडाकू विमान - एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) विकसित करने का प्रोजेक्ट पिछले साल शुरू हुआ था। उम्मीद है कि यह 2034 तक पूरा हो जाएगा। इसे 2035 तक सेना में शामिल किया जा सकता है।

    एएमसीए का मॉडल फरवरी में बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2025 में पेश किया गया था। गौरतलब है कि इस समय सबसे उन्नत लड़ाकू विमान राफेल 4.5 पीढ़ी का है। डीआरडीओ की एरोनाटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर काम कर रही है, जिसमें एआई-संचालित पायलट, नेट-सेंट्रिक युद्ध प्रणाली शामिल हैं।

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