Akash Prime एअर डिफेंस सिस्टम क्यों है खास? चीन और पाकिस्तान भी बेचैन; रक्षा मंत्रालय ने शेयर किया Video
भारतीय सेना ने लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्र में आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया। यह प्रणाली 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थापित की जा सकती है और 25-30 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्य को भेद सकती है। रक्षा मंत्रालय ने इस उपलब्धि का वीडियो भी जारी किया है। आकाश प्राइम आकाश मिसाइल प्रणाली का उन्नत संस्करण है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सेना की एअर डिफेंस यूनिट ने लद्दाख के उच्चतम पर्वतीय क्षेत्र में आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया।
आकाश प्राइम को 15 हजार फीट तक की ऊंचाई पर स्थापित किया जा सकता है। यह लगभग 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्य को मार सकती है। इस प्रणाली को डीआरडीओ ने ही विकसित किया है।
यह प्रणाली लद्दाख के चुनौतीपूर्ण मौसम में सटीक प्रहार करने में सक्षम पाई गई। जल्द ही इसे दुश्मन की हवाई चुनौतियों का सामना करने के लिए मैदान में लाया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने जारी की वीडियो
रक्षा मंत्रालय ने आकाश प्राइम एअर डिफेंस सिस्टम की सफल परीक्षण को एक वीडियो एक्स पर शेयर किया है।
वीडियो शेयर कर रक्षा मंत्रालय ने लिखा, "भारत ने 16 जुलाई को लद्दाख सेक्टर में उच्च ऊंचाई पर 2 एरियल हाई स्पीड मानवरहित लक्ष्यों को आकाश प्राइम द्वारा सफलतापूर्वक नष्ट करके एक अहम उपलब्धि हासिल की है, जो भारतीय सेना के लिए आकाश हथियार प्रणाली का उन्नत वर्जन है।"
India has achieved a significant milestone by successfully destroying 2 Aerial High Speed Unmanned targets at high altitude in Ladakh Sector on 16th July by Akash Prime, which is the upgraded variant of Akash Weapon System for the Indian Army. pic.twitter.com/DjJAc5uzkk
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) July 17, 2025
क्यों खास है Akash Prime Air Defence?
आकाश एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है जिसकी मारक क्षमता 20 किलोमीटर है। डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. प्रह्लाद रामाराव ने 15 साल पहले इस मिसाइल के विकास में अहम भूमिका निभाई थी। इस मिसाइल को कम दूरी के खतरों से निपटने में महारत हासिल है।
आकाश में अंतर्निहित इलेक्ट्रॉनिक प्रतिवाद उपकरण हैं और पूरी प्रणाली को मोबाइल प्लेटफॉर्म पर कन्फिगर किया गया है। हरेक लॉन्चर में तीन मिसाइलें होती हैं, जो 'फायर एंड फॉरगेट' मोड में काम करती हैं। ये मिसाइलें लगभग 20 फीट लंबी और 710 किलोग्राम वजनी होती हैं। प्रत्येक मिसाइल 60 किलोग्राम का वारहेड ले जाती है।
यह मिसाइल एक एकीकृत रैमजेट रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम का इस्तेमाल करती है और एक ऑनबोर्ड डिजिटल ऑटोपायलट स्थिरता और नियंत्रण सुनिश्चित करता है। यह प्रणाली पूरी तरह से ऑटोमैटिक भी है और इसमें रियल-टाइम, मल्टी-सेंसर डेटा प्रोसेसिंग और खतरे का आकलन करने की क्षमता है।
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