सौदा रद, जांच समिति गठित... फिर नहीं कम नहीं हो रहीं अजित पवार की मुश्किलें, विपक्ष कर रहा इस्तीफे की मांग
महाराष्ट्र सरकार ने पार्थ पवार से जुड़े विवादित भूमि सौदे को रद्द कर दिया है, लेकिन अजित पवार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है और पार्थ पवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज न होने पर सवाल उठा रहा है। राहुल गांधी ने भी सरकार पर 'जमीन चोरी' का आरोप लगाया है। अजित पवार ने कहा है कि भूमि सौदा रद्द कर दिया गया है और जांच का आदेश दिया गया है।

अजित पवार और पार्थ पवार। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को पुणे में अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़े विवादास्पद अवैध भूमि सौदे को रद कर दिया है। इसके बावजूद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं और विपक्षी महाविकास अघाड़ी उनके इस्तीफे या बर्खास्तगी की मांग कर रही है।
विपक्ष ने सवाल उठाया है कि पार्थ पवार के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई, जबकि वह कथित भूमि हड़पने के सौदे के पीछे मुख्य भूमिका में थे।
पुणे पुलिस कर रही मामले की जांच
संबंधित घटनाक्रम में, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महायुति पर 'वोट चोरी' के जरिए सरकार बनाने के बाद 'जमीन चोरी' में शामिल होने का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया है। दूसरी ओर, इस मुद्दे की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति का विस्तार कर इसे छह सदस्यों तक कर दिया गया है। पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बावधन पुलिस स्टेशन से जांच का जिम्मा संभाल लिया है, जिसने महाराष्ट्र सरकार के निर्देश के बाद एफआईआर दर्ज कर ली है।
अजित पवार ने क्या कहा?
राकांपा अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि भूमि सौदा रद कर दिया गया है। सभी लेनदेन रद कर दिए गए हैं। फडणवीस से मुलाकात के कुछ घंटों बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि फडणवीस भी विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। इसके अलावा उन्होंने दोहराया कि वे हमेशा नियमों का पालन करते हैं और उनके 35 साल के करियर में कभी भी नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है। अगर मेरे परिवार या मेरे किसी करीबी ने कुछ गलत करने की कोशिश की, तो मैं उसका कभी समर्थन नहीं करूंगा। मैंने मामले की पूरी जानकारी इकट्ठा कर ली है। मैंने मुख्यमंत्री को फोन किया है। हमने उनसे कहा है कि वे जांच का आदेश दे सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित मामले में आरोपों की जांच के लिए आज एक समिति गठित की गई है। रिपोर्ट एक महीने में प्रस्तुत की जाएगी। मैं अपने अधीनस्थ सभी अधिकारियों को आदेश देता हूं कि यदि कोई मेरे नाम का उपयोग करके किसी भी कार्य या लेन-देन के लिए दबाव डालता है, तो वे किसी भी दबाव में न आएं और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी में शामिल न हों। संबंधित मामले में अभी तक कोई लेन-देन नहीं हुआ है। उक्त मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है।
उन्होंने कहा कि किसने अधिकारियों पर दबाव डाला, कौन इसमें शामिल था, किसने लेनदेन किया, सबकी जांच की जाएगी।
क्या है मामला?
बता दें कि पुणे के कोरेगांव पार्क के पास पॉश इलाके मुंधवा में महार (अनुसूचित जाति) समुदाय की वंशानुगत जमीन को दर्शाने वाली 40 एकड़ 'महार वतन' जमीन अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी को 300 करोड़ रुपये में बेच दी गई और उस पर स्टांप शुल्क भी माफ कर दिया गया। इस कंपनी में पार्थ पवार की भी हिस्सेदारी है। इस संपत्ति का बाजार मूल्य 1,800 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
छह सदस्यीय समिति नियुक्त
इस बीच, जांच का दायरा बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय समिति को छह सदस्यीय समिति में विस्तारित कर दिया है, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व, स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण) करेंगे। पांच अन्य सदस्य संभागीय आयुक्त (पुणे), जिला कलेक्टर (पुणे), निपटान आयुक्त और भूमि अभिलेख निदेशक (पुणे) और भूमि अभिलेख महानिरीक्षक (पुणे), संयुक्त सचिव (राजस्व और वन) हैं।
आर्थिक अपराध शाखा ने जांच का जिम्मा संभाला
इस बीच पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बावधन पुलिस स्टेशन से जांच का जिम्मा संभाल लिया है, जिसने महाराष्ट्र सरकार के निर्देश के बाद एफआईआर दर्ज कर ली है। एफआईआर में पुणे शहर के तहसीलदार सूर्यकांत येओले, धनंजय पाटिल, शीतल तेजवानी सहित नौ लोगों के नाम शामिल हैं।
पुणे पुलिस प्रमुख अमितेश कुमार के अनुसार एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। हालांकि उन्होंने जांच पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा लेन-देन से जुड़े दस्तावेजों और कागजों की जांच की जा रही है। उसके आधार पर ही हम जांच की दिशा तय करेंगे। उसके बाद ही हम और कुछ कह पाएंगे। यह एफआईआर पुणे के संयुक्त जिला रजिस्ट्रार संतोष हिंगाने ने दर्ज कराई थी।
पुलिस ने कहा कि एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(5), 318(2) और 3(5) के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के प्रावधानों के साथ-साथ महाराष्ट्र स्टाम्प अधिनियम की धारा 59 के तहत दर्ज की गई है।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी कथित भूमि हड़पने की घटना पर भारतीय विपक्षी दल के आरोप का नेतृत्व करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि दलितों के लिए आरक्षित 1,800 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को एक मंत्री के बेटे से जुड़ी एक फर्म को स्टांप शुल्क माफी के साथ मात्र 300 करोड़ रुपए में बेच दिया गया।
एक्स पर एक पोस्ट में गांधी ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह उस सरकार द्वारा 'जमीन की चोरी' है, जो खुद 'वोट चोरी' से बनी है। उन्हें पता है कि चाहे जितना भी लूट लें, वोट चुराकर ही सत्ता में वापस आएंगे। न लोकतंत्र की परवाह है, न जनता की, न दलितों के अधिकारों की। मोदी जी, आपकी चुप्पी बहुत कुछ कहती है। क्या आप इसलिए चुप हैं क्योंकि आपकी सरकार उन्हीं लुटेरों के हाथ में है जो दलितों और वंचितों के अधिकारों का हनन करते हैं?

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