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    अजीत डोभाल का 'सिक्रेट मिशन', इस तरह सिक्किम बना भारत का 22वां राज्य; जानें अंदर की पूरी प्लानिंग

    राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का जीवन किसी जासूसी फिल्म से कम नहीं है। उनके शुरुआती मिशनों में से एक सिक्किम में हुआ था जहाँ उन्हें जनता की राय जानने और भारत विरोधी गतिविधियों का पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी। डोभाल की रिपोर्ट के बाद सिक्किम की विधानसभा ने राजशाही खत्म करने और भारत से जुड़ने के पक्ष में मतदान किया।

    By Digital Desk Edited By: Prince Gourh Updated: Tue, 26 Aug 2025 06:37 PM (IST)
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    इस तरह सिक्किम बना भारत का 22वां राज्य (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कि जिंदगी किसी जासूसी फिल्म से कम नहीं रही है। बहुत कम लोग जानते हैं कि उनके शुरुआती और गुप्त मिशनों में से एक पाकिस्तान या चीन में नहीं बल्कि हिमालय की छोटी रियासत सिक्किम में हुआ था।

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    साल 1970 के आसपास सिक्किम के राजमहल में हलचल थी। चोग्याल राजा की अमेरिकी पत्नी होप कुक पर दिल्ली को शक था कि वह अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA से जुड़ी हुई हैं। भारत और अमेरिका के रिश्ते उस समय अच्छे नहीं थे, ऐसे में दिल्ली को डर था कि सिक्किम कहीं वाशिंगटन के असर में न चले जाए।

    कब हुई थी राजा-रानी की शादी?

    सिक्किम तब भारत का संरक्षित राज्य था। यानी रक्षा और विदेश नीति भारत के हाथ में थी, लेकिन आंतरिक मामले राजा संभालते थे। राजा पालदेन थोंडुप नमग्याल की शादी 1963 में होप कुक से हुई थी। धीरे-धीरे रानी राजनीतिक मामलों में दखल देने लगीं।

    रानी विदेशी पत्रकारों से मिलती थीं, इंटरव्यू देतीं और दुनिया को बतातीं कि सिक्किम पर भारत दबाव डाल रहा है। 1971 के बांग्लादेश युद्ध में अमेरिका खुलकर पाकिस्तान के साथ था। ऐसे समय में सिक्किम जैसे रणनीतिक राज्य का अमेरिकी असर में जाना भारत के लिए खतरे की घंटी था।

    लेखक देवदत्त डी. ने अपनी किताब 'अजीत डोभाल: ऑन अ मिशन' में बताया है कि कैसे दिल्ली के खुफिया अधिकारियों को रानी पर वाशिंगटन के प्रभाव के लिए एक माध्यम के रूप में काम करने का संदेह था।

    डोभाल ने कैसे संभाली जिम्मेदारी?

    यहीं पर युवा खुफिया अफसर अजीत डोभाल को जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्हें सिक्किम के हालात समझने और जनता की नब्ज टटोलने का काम दिया गया। डोभाल ने स्थानीय लोगों से बातचीत की।

    उनकी रिपोर्ट में साफ हुआ कि सिक्किम की जनता, खासकर नेपाली बहुल आबादी राजा और रानी से नाराज हैं। लोगों को लगता था कि महल अलग-थलग और भारत विरोधी है। डोभाल की रिपोर्ट से दिल्ली को यकीन हो गया कि सिक्किम का भारत में विलय न केवल रणनीतिक रूप से सही है बल्कि जनता भी यही चाहती है।

    सिक्किम बना भारत का 22वां राज्य

    1973 में सिक्किम में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हुए। लोग लोकतंत्र और भारत से जुड़ाव की मांग करने लगे। बढ़ते दबाव के बीच रानी होप कुक अमेरिका लौट गईं और कभी वापस नहीं आईं।

    1975 में सिक्किम की विधानसभा ने राजशाही खत्म करने और भारत से जुड़ने के पक्ष में मतदान किया। इसके बाद जनमत संग्रह हुआ और 97% लोगों ने भारत के साथ विलय को मंजूरी दी। जल्दी ही सिक्किम भारत का 22वां राज्य बन गया।

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