आतंकी पन्नू को जोर का झटका, डोभाल के खिलाफ उगला था जहर; अमेरिकी अदालत ने लगाई फटकार
खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू का दावा खारिज करते कहा है कि फरवरी में वॉशिंगटन पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार (एनएसए) अजीत डोभाल को कोई भी शिकायत नहीं दी गई थी। पन्नू ने दावा किया था कि 12-13 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मौजूद डोभाल को शिकायत सौंपने के लिए उसने तीन लोगों को काम पर रखा था।
पीटीआई, नई दिल्ली। एक अमेरिकी अदालत ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू का दावा खारिज करते कहा है कि फरवरी में वॉशिंगटन पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार (एनएसए) अजीत डोभाल को कोई भी शिकायत नहीं दी गई थी। पन्नू ने दावा किया था कि समन समेत अदालती दस्तावेज डोभाल को सौंप दिए गए थे।
अमेरिकी जिला जज कैथरीन पोक फैला ने अपने हालिया आदेश में करारा जवाब देते हुए कहा,"अदालत ने उपरोक्त पत्र और संलग्नकों की समीक्षा की और पाया कि दस्तावेज नहीं सौंपे गए थे। अदालत के आदेश के तहत जरूरी शिकायत को प्रतिवादी को सुरक्षा प्रदान करने वाले एजेंट्स या अन्य अधिकारी या होटल प्रबंधन के किसी सदस्य या कर्मचारी को नहीं सौंपा गया।
क्या किया था पन्नू ने दावा?
पन्नू ने दावा किया था कि 12-13 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मौजूद डोभाल को शिकायत सौंपने के लिए उसने तीन लोगों को काम पर रखा था। पहली बार 12 फरवरी को राष्ट्रपति गेस्ट हाउस, ब्लेयर हाउस में ठहरे डोभाल को अदालती दस्तावेज सौंपने जब उनका एक व्यक्ति पहुंचा, तो बाहर सुरक्षा में तैनात सीक्रेट सर्विस एजेंटों ने उसे अंदर जाने से मना कर दिया।
जबकि अगले दिन एक अन्य व्यक्ति पहुंचा, तो उसे भी एजेंटों ने मना कर दिया, जिसके बाद उस व्यक्ति ने 100 फीट दूर एक रेस्त्रां के बाहर दस्तावेज रख दिए और एजेंट को सूचित कर दिया।
अदालत ने पन्नू के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि प्रक्रिया पूरी नहीं की गई और समन व शिकायत आदि डोभाल को नहीं मिले। गौरतलब है कि पन्नू ने डोभाल और निखिल गुप्ता के विरुद्ध एक मुकदमा दायर किया था। गुप्ता पर भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर अमेरिकी धरती पर पन्नू को मारने की नाकाम साजिश का आरोप था।
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