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    विमान हादसों के बाद डीजीसीए सख्त, एयरलाइंस कंपनियों को जारी किया निर्देश; इन जगहों पर उड़ान भरने से मनाही

    डीजीसीए ने खराब मौसम के दौरान एयरलाइनों के लिए अपने परिचालन दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। साथ ही पायलटों को असामान्य परिस्थितियों में फ्लाइटों का मार्ग बदलने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया है। वहीं, बारिश में या गीली हवाई पट्टी पर रात्रि परिचालन के दौरान होने वाले दृश्य भ्रम से निपटा जा सके।

    By Abhinav Tripathi Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Sun, 22 Jun 2025 10:56 PM (IST)
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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    पीटीआई, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने प्रतिकूल यानी खराब मौसम के दौरान एयरलाइनों के लिए अपने परिचालन दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। इनमें इस बात पर जोर दिया गया है कि सुरक्षा को समय सारणी के पालन से अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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    साथ ही पायलटों को असामान्य परिस्थितियों में फ्लाइटों का मार्ग बदलने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया है। नियमित और गैर नियमित एयरलाइन कंपनियों को परिचालन परिपत्र जारी करते हुए नियामक ने कहा कि पायलटों को दृश्य संकेतों की उपकरणों से जांच करनी चाहिए ताकि सटीक दृष्टिकोण और लैंडिंग आकलन सुनिश्चित हो सके।

    डीजीसीए ने जारी किया निर्देश

    साथ ही बारिश में या गीली हवाई पट्टी पर रात्रि परिचालन के दौरान होने वाले दृश्य भ्रम से निपटा जा सके। यह परिपत्र केदारनाथ क्षेत्र में हाल ही में हुई हेलीकाप्टर दुर्घटनाओं और पिछले महीने श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट में आए भीषण कंपन (टर्बुलेंस) को देखते हुए जारी किया गया है।

    विमान चालक दल को अत्यधिक सतर्कता बनाए रखने का निर्देश

    डीजीसीए ने रविवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विमान चालक दल को अत्यधिक सतर्कता बनाए रखने को कहा गया है। सुरक्षा को समय सारणी के पालन से प्राथमिकता दी जानी चाहिए। विमान कैप्टन को मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार विमान का मार्ग परिवर्तन करने या वापसी के लिए प्रोत्साहित किया गया है। परिपत्र में उन परिस्थितियों का उल्लेख किया गया है, जिनके तहत चालक दल के सदस्यों से प्रतिकूल मौसम के कारण मार्ग बदलने या वापसी करने की अपेक्षा की जाती है, जिसमें गंभीर कंपन, तेज हवा का झोंका, बर्फ जमना, अवरोधक तूफान या अचानक दृश्यता में गिरावट शामिल है।

    आंधी-तूफान वाले बादलों के नीचे उड़ान भरने से मना किया गया

    इसके अलावा, एयरलाइन कंपनियों और पायलटों को निर्णय लेने के लिए रूढ़िवादी दृष्टिकोण अपनाने के साथ-साथ मौसम से बचने की योजना बनाने की सलाह दी गई है। डीजीसीए के बयान में कहा गया है कि आंधी-तूफान वाले बादलों के नीचे उड़ान भरने से मना किया गया है क्योंकि इससे हवा के झोंके, बिजली और ओले गिरने का जोखिम बढ़ जाता है।

    नियामक ने प्रतिकूल मौसम की परिस्थितियों और टर्बुलेंस के दौरान पायलट मौसम रिपोर्टों के महत्व पर जोर दिया। साथ ही यात्रियों, केबिन क्रू और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के साथ संवाद करने की बात कही है। इसमें समय पर ब्रीफिंग, यात्रियों के लिए पूर्व सूचना तथा बेहतर समन्वय व परिस्थितिजन्य जागरूकता के लिए एटीसी को कंपन की सूचना देना आदि शामिल हैं।

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