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    Air India Plane Crash: अब एअरपोर्ट के आसपास विमान सुरक्षा और होगी सख्त, ऊंची इमारतों पर सरकार की नजर; होगा बड़ा एक्शन

    Updated: Thu, 19 Jun 2025 11:05 AM (IST)

    नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नए नियम जारी किए हैं। एअरक्राफ्ट (डेमोलिशन ऑफ ऑब्सट्रक्शन) नियम 2025 के तहत हवाई अड्डों के पास ऊंचाई सीमा से अधिक भवनों पर कार्रवाई होगी। भवन मालिकों को नोटिस का जवाब देना होगा अन्यथा इमारत गिराई जा सकती है। नियमों का पालन न करने वालों को मुआवजा नहीं मिलेगा।

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    सरकार ने विमान सुरक्षा से जुड़े नियम किए सख्त (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली संरचनाओं पर कंट्रोल करने के लिए बुधवार को नए नियम जारी किए हैं।

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    एअरक्राफ्ट (डेमोलिशन ऑफ ऑब्सट्रक्शन) नियम, 2025 नामक ड्राफ्ट आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद लागू कर दिया जाएगा। इस नियम के तहत हवाई अड्डों के आसपास के क्षेत्रों में ऊंचाई सीमा से अधिक ऊंचाई वाले भवनों और पेड़ों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।

    भवन मालिकों को भेजे जाएंगे नोटिस

    भवन मालिकों को नोटिस मिलने के दो महीने के भीतर संरचना के आयाम और साइट की योजना के साथ ही विस्तृत जानकारी पेश करनी होगी। अगर कोई नियम का पालन नहीं करेगा तो इमारत को ध्वस्त भी किया जा सकता है या ऊंचाई कम की जा सकती है।

    संरचनाओं के भौतिक सत्यापन के लिए, मालिकों को सूचित करने के बाद अधिकारी दिन के उजाले में परिसर में प्रवेश कर सकते हैं और ऐसे में अधिकारियों का सहयोग नहीं करने पर वे उपलब्ध जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर सकते हैं और मामले को DGCA को भेज सकते हैं।

    कौन होगा मुआवजे के लिए पात्र?

    यदि कोई नियमों का अनुपालन नहीं करता है तो मुख्य अधिकारी को मामले की रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपनी होगी, जिसके बाद आदेश के अनुसार विध्वंस सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा।

    इस आदेश को चुनौती देने के लिए भवन मालिक अपीलीय अधिकारी के पास अपील दायर कर सकते हैं। इस अपील के लिए सहयाक दस्तावेजों और एक हजार रुपये का शुल्क भी जमा करना होगा।

    हालांकि, केवल वे व्यक्ति ही भारतीय वायुमान अधिनियम, 2024 की धारा 22 के तहत मुआवजे का दावा करने के लिए पात्र हें, जो आदेशों का अनुपालन नहीं करेंगे। इसके अलावा, अधिसूचना के बाद निर्मित गैर-अनुपालन संरचनाएं मुआवजे के लिए पात्र नहीं होंगे।

    नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अधिसूचना के प्रकाशन के 20 दिनों के अंदर लोगों से आपत्तियां या सुझाव पेश करने को कहा है। नागरिक उड्डयन नियामक DGCA को जवाब भेजे जा सकते हैं।

    कब हुआ था हादसा?

    बता दें, 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए निकला विमान टेकऑफ के चंद सेकेंडों के बाद ही बड़े हादसे का शिकार हो गया था।

    एअर इंडिया का विमान मेघानीनगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों से में 241 लोगों की मौतो हो गई। मरने वालों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे।

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