गोदभराई की रस्म के लिए आए थे भारत, फिर लौट ना सके; अहमदाबाद विमान हादसे की कहानी पढ़ आंखें हो जाएंगी नम
12 जून को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे में कई परिवार उजड़ गए। इस विमान एक दंपती भी सवार था, जो जल्द ही माता- पिता बनने वाला था। गोद भराई के लिए यह दंपती लंदन से अहमदाबाद आया था। यहां पर कार्यक्रम में शामिल होने के बाद परिवार वापस जा रहा था। हालांकि, विमान हादसे में इस दंपती की जान चली गई। पिछले दिनों वैभव और जिनल का अंतिम संस्कार किया गया।

वैभव पटेल और जिनल गोस्वामी की विमान हादसे में मौत हो गई थी। (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने देश ही नहीं पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की जान चली गई थी। इस विमान में एक दंपती भी सवार था, जो जल्द ही माता- पिता बनने वाला था। हालांकि, इस दुर्घटना में उनकी जान चली गई।
दरअसल, वैभव पटेल और जिनल गोस्वामी जल्द अपने पहले बच्चे के माता-पिता बनने वाले थे। जिनल 7 महीने की गर्भवती थीं। लंदन भारत आकर उन्होंने गोद भराई का जश्न मनाया। ये कार्यक्रम दो जून को आयोजित किया गया था। नन्हें मेहमान के स्वागत के लिए ये दंपती काफी खुश था। लेकिन भारत से वापस लौटते समय वह इस विमान हादसे का शिकार हो गया। पिछले सोमवार को वैभव और जिनल का अंतिम संस्कार किया गया।
विमान हादसे में गई दंपती की जान
दंपती ढोलका तहसील के केलिया वासना गांव के रहने वाले थे। हालांकि, वह इस समय लंदन में रहते थे। हाल के दिनों में हैम्पशायर के साउथेम्प्टन में रहने चले गए थे।
जिनल की गोदभराई के लिए वह अहमदाबाद आए थे और उन्हें एअर इंडिया कि फ्लाइट AI171 से वापस दिल्ली लौटना था। दोनों परिवारों के करीबी और रिश्तेदारों ने बताया कि 2 जून को जिनल के लिए बेबी शॉवर का आयोजन किया गया था। जिसमें कई मेहमान शामिल हुए थे।
दंपती के करीबी दोस्त ने क्या कहा?
एनडीटी ने बीबीसी की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि दंपती के दोस्त नीरव पटेल ने कहा कि वे अपने पहले बच्चे के जन्म को लेकर काफी खुश थे। उन्होंने बताया कि वैभव के पिता नहीं थे, इसलिए वह भारत में परिवार का भरण-पोषण करते थे। अहमदाबाद आने से दो दिन पहले ही वैभव ने अपने दोस्त को इस बारे में जानकारी दी कि वह घर आ रहे हैं।
घटनास्थल से केवल मूर्ति बरामद
दुर्घटनास्थल से केवल एक भगवान कृष्ण की मूर्ति बरामद हो सकी है। वैभव और जिनल के मित्रों का दावा है कि यह मूर्ति जिनल की है। उड़ान के समय यह मूर्ति जिनल के पास थी।
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