अहमदाबाद विमान हादसा: सीईओ विल्सन बोले- एअर इंडिया ने प्रशिक्षण में किया सुधार, मानकों को किया है मजबूत
एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने शुक्रवार को कहा कि उसने प्रशिक्षण में सुधार के साथ मानकों को मजबूत किया है। इसके साथ ही सुरक्षा और अन्य मामलों की रिपोर्टिंग में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया है। 12 जून को हुई विमान दुर्घटना की पृष्ठभूमि में आए विल्सन के बयान में कहा गया कि यह स्वाभाविक है कि किसी दुर्घटना के बाद गहन जांच का दौर चलता है।

पीटीआई, नई दिल्ली। एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने शुक्रवार को कहा कि उसने प्रशिक्षण में सुधार के साथ मानकों को मजबूत किया है। इसके साथ ही सुरक्षा और अन्य मामलों की रिपोर्टिंग में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया है।
दुर्घटना के बाद गहन जांच का दौर चला
12 जून को हुई विमान दुर्घटना की पृष्ठभूमि में आए विल्सन के बयान में कहा गया कि यह स्वाभाविक है कि किसी दुर्घटना के बाद गहन जांच का दौर चलता है। उन्होंने कहा कि सभी टिप्पणियों को रचनात्मक रूप से शालीनता और खुले दिमाग से लिया जाना चाहिए।
एअरलाइन ने कुछ कदम उठाए
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअरलाइन ने कुछ कदम उठाए हैं, जिनमें उड़ानों में अस्थायी कटौती और अपने बोइंग 787 और 737 बेड़े का निरीक्षण पूरा करना शामिल है।
एअर इंडिया के सीईओ ने कही य बात
उन्होंने एअर इंडिया के कर्मचारियों को दिए एक संदेश में कहा कि चाहे वह सुरक्षा से संबंधित हो या अन्य मामलों से, हमने रिपोर्टिंग को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। हमने बेन्स-सिमन्स जैसे सिद्धांतों को अपनाया है ताकि दोषारोपण या दंड देने से पहले सीखने और सुधार के अवसरों का लाभ उठाया जा सके। बेन्स-सिमन्स एक अग्रणी विमानन सुरक्षा प्रशिक्षण और परामर्श फर्म है।
एफएए को एअर इंडिया दुर्घटना के बाद बोइंग में कोई यांत्रिक समस्या नहीं दिखी
संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) के प्रमुख ने गुरुवार को कहा कि पिछले महीने एअर इंडिया बोइंग 787 विमान दुर्घटना किसी यांत्रिक समस्या या ईंधन नियंत्रण इकाई या स्विच की असावधानी के कारण नहीं हुई थी।
एफएए के प्रशासक ब्रायन बेडफोर्ड ने विस्कान्सिन में एक एयर शो के दौरान कहा कि हम पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि दुर्घटनाग्रस्त बोइंग विमान के ईंधन नियंत्रण इकाई में कोई यांत्रिक समस्या नहीं थी।
उन्होंने कहा कि एफएए के कर्मचारियों ने इकाइयों को बाहर निकाला, उनका परीक्षण किया और निरीक्षकों को विमान में बुलाकर उनकी समीक्षा करने को कहा।
उन्होंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि यह ईंधन नियंत्रण में अनजाने में हुई गड़बड़ी का मामला नहीं है। एअर इंडिया दुर्घटना की जांच बोइंग 787 जेटलाइनर के ईंधन नियंत्रण स्विच पर केंद्रित है। ये स्विच विमान के इंजनों में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं, जिससे पायलट जमीन पर ही इन्हें चालू या बंद कर सकते हैं या उड़ान के दौरान इंजन की
विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच लॉकिंग तंत्र कोई समस्या नहीं
खराबी के दौरान मैन्युअल रूप से हस्तक्षेप कर सकते हैं। एअर इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसने सभी 787 और 737 विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच लॉकिंग तंत्र का एहतियाती निरीक्षण पूरा कर लिया है और कोई समस्या नहीं पाई गई है।
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