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    'माफी मांगो...', एअर इंडिया प्लेन क्रैश की खबरों पर WSJ को पायलटों ने भेजा नोटिस

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 01:21 PM (IST)

    भारतीय पायलट महासंघ (एफआईपी) ने एअर इंडिया प्लेन क्रैश की खबरों को लेकर द वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स को कानूनी नोटिस भेजा है। एफआईपी के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने पुष्टि की कि कानून के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एफआईपी ने दोनों संस्थानों से उनकी रिपोर्ट के लिए माफी मांगने की मांग की है क्योंकि उनका मानना है कि रिपोर्टिंग असत्यापित और गैर-जिम्मेदाराना है।

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    एअर इंडिया प्लेन क्रैश पर एफआईपी का लीगल नोटिस। (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। एअर इंडिया प्लेन क्रैश की खबरों को लेकर भारतीय पायलट महासंघ (एफआईपी) ने शुक्रवार (18 जुलाई, 2025) को द वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स को लीगल नोटिस भेजा है। एफआईपी ने आधिकारिक तौर पर माफी मांगने की मांग की है।

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    इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए एफआईपी के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने कहा कि भारतीय पायलट महासंघ ने कानून के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है और डब्ल्यूएसजे और रॉयटर्स को उनकी रिपोर्ट के लिए नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा है।

    ईमेल करके भेजा नोटिस

    रॉयटर्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल को भेजे गए एक ईमेल में, एफआईपी ने कहा, "हमारे ध्यान में आया है कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के कुछ वर्ग बार-बार चुनिंदा और असत्यापित रिपोर्टिंग के माध्यम से निष्कर्ष निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इस तरह की कार्रवाई गैर-जिम्मेदाराना है, खासकर जब जांच जारी है।"

    नोटिस में आगे कहा गया, "हालांकि इस स्तर की दुर्घटना ने जनता का ध्यान आकर्षित किया है और लोगों को झटका लगा है, लेकिन यह समझना होगा कि यह समय भारतीय विमानन उद्योग की सुरक्षा के प्रति जनता में चिंता या आक्रोश पैदा करने का नहीं है, विशेष रूप से निराधार तथ्यों के आधार पर।"

    विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की ओर से जारी जांच का हवाला देते हुए ईमेल में कहा गया है, "आधिकारिक पुष्टि और आखिरी रिपोर्ट के अभाव में, दुर्घटना के कारण के बारे में अटकलें लगाने वाली या किसी व्यक्ति, विशेष रूप से मृत पायलटों को दोषी ठहराने वाली किसी भी सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने से बचें।"

    एफआईपी ने आगे लिखा, "हमें यह रिकॉर्ड में दर्ज करने का निर्देश दिया गया है कि इस तरह की अटकलें लगाने वाली सामग्री का प्रकाशन बेहद गैर-जिम्मेदाराना है और इससे मृतक पायलटों की प्रतिष्ठा को गंभीर और अपूरणीय क्षति हुई है, जो अपना बचाव करने में असमर्थ हैं। ऐसा करके, रॉयटर्स ने शोक संतप्त परिवारों पर अनावश्यक संकट भी डाला है और पायलट बिरादरी का मनोबल गिराया है, जो भारी दबाव और सार्वजनिक जिम्मेदारी के तहत काम करती है।"

    'जारी हो स्पष्टीकरण'

    एफआईपी ने उनसे स्पष्टीकरण जारी करने को भी कहा है, जिसमें यह स्वीकार किया जाए कि प्राधिकारियों की ओर से कोई आखिरी नतीजा जारी नहीं किया गया है और यह लेख दूसरी रिपोर्टों पर आधारित है। नोटिस में आगे चेतावनी दी गई है, "कृपया ध्यान दें कि इस नोटिस के अनुसार कार्य करने में विफलता हमारे ग्राहक को मानहानि, मानसिक पीड़ा और प्रतिष्ठा को नुकसान के लिए लागू कानून के तहत उपलब्ध सभी कानूनी उपायों को अपनाने के लिए मजबूर कर सकती है।"

    ये भी पढ़ें: 'मीडिया रिपोर्ट्स सिर्फ अटकलें', अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर अमेरिकी अधिकारी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिखाया आईना

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