एअर इंडिया विमान हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, स्वतंत्र जांच की मांग
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें एअर इंडिया विमान दुर्घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। याचिका कॉन्स्टीट्यूशन बाय सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि आधिकारिक जांच से नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें एअर इंडिया विमान दुर्घटना की स्वतंत्र और अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। 12 जून को हुई इस दुर्घटना में यात्री, चालक दल और जमीन पर मौजूद 265 लोगों की मौत हो गई थी। अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
शीर्ष अदालत में यह याचिका ''कांस्टीट्यूशन बाय सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन'' नामक एक गैरसरकारी संगठन ने दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि आधिकारिक जांच से नागरिकों के जीवन, समानता और सही जानकारी प्राप्त करने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।
रिपोर्ट में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई गई- याचिका
याचिका में कहा गया है कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआइबी) ने 12 जुलाई को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें हादसे का कारण ''फ्यूल कटऑफ स्विच'' को ''रन'' से ''कटऑफ'' स्थिति में ले जाना बताया गया था, यानी इसमें पायलट की गलती थी। रिपोर्ट में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई गई है, जिसमें पूरा डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकार्डर आउटपुट, काकपिट वाइस रिकार्डर ट्रांसक्रिप्ट और इलेक्ट्रानिक एयरक्राफ्ट फाल्ट रिकार्डिंग डाटा शामिल है।
हादसे की निष्पक्ष जांच जरुरी- याचिका
याचिका के अनुसार, दुर्घटना की पारदर्शी और निष्पक्ष जानकारी के लिए ये चीजें बेहद जरूरी हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि रिपोर्ट में ईंधन स्विच में खराबी, बिजली की खराबी, रैम एयर टरबाइन का इस्तेमाल और बिजली संबंधी गड़बडि़यों को नजरअंदाज किया गया है और दुर्घटना को जल्दबाजी में पायलट की गलती बता दिया गया है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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