अहमदाबाद प्लेन क्रैश में ब्लैक बॉक्स को कैसे पहुंचा नुकसान? जानिए अब कैसे रिकवर किया जाएगा डेटा
अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद ब्लैक बॉक्स को रिकवर कर लिया गया है, लेकिन इसका बाहरी आवरण काफी डैमेज है। इसमें मौजूद डेटा को रिकवर करने के लिए अमेरिका भेजे जाने की बात कही जा रही है। दरअसल ब्लैक बॉक्स की दोनों यूनिट इतनी डैमेट हो चुकी है कि अगर इसे सावधानी से हैंडल नहीं किया गया, तो डेटा करप्ट हो सकता है।

फ्लाइट क्रैश होने के 28 घंटे बाद ब्लैक बॉक्स को रिकवर किया गया था (फोटो: रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। फ्लाइट क्रैश होने के करीब 28 घंटे बाद ब्लैक बॉक्स को बरामद किया गया था। लेकिन दुर्घटना में भी ब्लैक बॉक्स को काफी नुकसान पहुंचा है। संभावना जताई जा रही है कि क्रैश के दौरान या गिरने के बाद ब्लैक बॉक्स क्षतिग्रस्त हुआ हो।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैक बॉक्स इस वक्त एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो की निगरानी में है और शुरुआती जांच में सामने आया है कि ब्लैक बॉक्स का बाहरी स्ट्रक्चर काफी कॉम्प्रमाइज हो चुका है और अगर इसे सावधानी से हैंडल नहीं किया गया, तो इसमें मौजूद इंटरनल डेटा को नुकसान हो सकता है।
अमेरिका भेजा जाएगा ब्लैक बॉक्स?
पहले ये जानकारी सामने आई थी कि ब्लैक बॉक्स के डेटा को रिकवर करने के लिए अमेरिका भेजा जा सकता है। इसके बाद सवाल उठने लगे थे कि क्या भारत में डेटा रिकवर नहीं किया जा सकता। बता दें कि ब्लैक बॉक्स में दो यूनिट होती है। एक कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और दूसरा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश में दोनों ही यूनिट क्षतिग्रस्त हुई है, लेकिन इनमें से एक को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। ब्लैक बॉक्स के साथ क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ये जल्द ही साफ हो जाएगा। अगर भारत में इससे डेटा को रिकवर नहीं किया जा सका, तो इसे अमेरिका के एनटीएसबी, यूनाइटेड किंगडम के सिविल एविएशन अथॉरिटी या सिंगापुर भेजा जा सकता है।
बाइनरी फॉर्म में रिकॉर्ड होता है डेटा
डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर दोनों में डेटा बाइनरी फॉर्म में स्टोर होता है। इसे लैब में इंजीनियरिंग फॉरमैट में बदला जाता है और फिर एक्सेस किया जाता है। डेटा को एक्सेस करने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाती है। लेकिन जांचकर्ताओं को दूसरे स्रोत पर भी विचार करना होगा।
यूएस नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड ने बताया कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर के डेटा से एक कंप्यूटर एनिमेटेड वीडियो बनाया जा सकता है, जिससे क्रैश के लास्ट मोमेंट को देखना पॉसिबल हो पाता है। ब्लैक बॉक्स के दोनों ही यूनिट क्रैश के कारणों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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