AAIB की रिपोर्ट : उड़ान के तीन सेकेंड बाद बंद हुए थे दोनों इंजन; विशेषज्ञों ने कहा, 'अभी नहीं मिले कई जवाब'
अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार फ्यूल स्विच बंद होने से दोनों इंजन बंद हो गए लेकिन यह स्विच कैसे बंद हुआ यह सवाल बना हुआ है। पायलटों के बीच हुई बातचीत में एक पायलट ने दूसरे से स्विच बंद करने के बारे में पूछा जिससे संदेह गहरा गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान हादसे के ठीक एक महीने बाद दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शनिवार को सार्वजनिक कर दी गई। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जांच एजेंसी 'विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो' (AAIB - एएआईबी) की रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, हादसे की ठोस वजह तो यही है कि फ्यूल स्विच बंद हो गया था, जिसके कारण दोनों इंजन बंद हो गए। ज्यादा उंचाई न होने के कारण आपात स्थिति में इंजन को पावर देने वाले रैम और रैट भी कारगर नहीं रहे। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि फ्यूल स्विच कैसे बंद हुआ?
अंतिम रिपोर्ट आने में लग सकता है सालभर का समय
आखिरी रिपोर्ट आने में तो सालभर का समय लग सकता है। लेकिन दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत की दो लाइनें महत्वपूर्ण हैं। एक पालयट ने कहा-तुमने स्विच क्यों बंद कर दिया और दूसरे ने कहा-मैंने नहीं किया। यानी शक की एक सुई पायलटों पर घूम गई है। हो सकता है कि इस पहलू पर भी अलग दृष्टि से जांच की जाए। वैसे उड़ान से पहले दोनों पायलट की जांच हुई थी और दोनों फिट पाए गए थे।
अभी जारी रहेगी विमान घटना की जांच
एएआईबी ने अपनी रिपोर्ट के आधार पर किसी नतीजे पर पहुंचने की बात नहीं कही है। ना ही इसमें विमान निर्माता कंपनी बोइंग या इंजन बनाने वाली कंपनी जीई के लिए कोई अनुशंसा की है। आरंभिक जांच के आधार पर आगे जांच जारी रखने की बात कही गई है।
रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि विमान के रनवे पर फुल स्पीड में दौड़ लगाने के तीन सेकेंड बाद ही एक के बाद एक (एक सेकेंड के अंतराल पर) दोनों इंजनों के लिए फ्यूल आपूर्ति के स्विच 'रन' (चालू) से 'कटआफ' (बंद करने का संकेत) में चले गए।
ध्यान रहे कि फ्यूल स्विच केवल मैनुअल ऑफ-आन किया जाता है। लेकिन रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि विमान निर्माता कंपनी बोइंग के विमानों में ईंधन आपूर्ति से जुड़े स्विच को लेकर पहले सवाल उठ चुके हैं। यह सवाल स्वयं अमेरिकी सरकार की एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपनी बुलेटिन में उठाए थे।
एफएए की ओर से पहले भी जारी किया था बुलेटिन
रिपोर्ट के मुताबिक, एफएए की तरफ से 17 दिसंबर, 2018 को फ्यूल कंट्रोलिंग स्विच के लॉकिंग फीचर के बंद होने की संभावना पर स्पेशल एयरवर्थिनेस एवरनेस बुलेटिन जारी की थी। यह बुलेटिन 737 मॉडल में इस्तेमाल फ्यूल कंट्रोलिंग स्विच में बंद होने को लेकर आई रिपोर्ट के आधार पर जारी की गई थी।
एअर इंडिया की तरफ से बताया गया है कि उक्त बुलेटिन बाध्यकारी नहीं थी, बल्कि सुझाव के तौर पर थी। कुछ वैश्विक विशेषज्ञों ने इसे सभी विमानन कंपनियों के लिए चेतावनी बताते हुए कहा है कि उन्हें उड्डयन सेक्टर को सुरक्षित बनाने के लिए नए सिरे से विचार करना होगा।
क्यों रैट ने नहीं किया पूरी तरीके से काम?
गौरतलब है कि फ्यूल और पावर बंद होने की स्थिति में रैम और रैट खुद ही संचालित हो जाते हैं, जो पावर जेनरेट करते हैं। लेकिन बताया जाता है कि पायलट द्वारा फ्यूल स्विच ऑफ ऑन करने या फिर रैट के जरिये भी पूरा पावर मिलने में सात-आठ सेंकेंड का वक्त लगता है। चूंकि हादसे के समय विमान बहुत कम ऊंचाई पर उड़ रहा था, इसलिए रैट भी कुछ न कर सका।
प्रारंभिक रिपोर्ट पर खड़े हुए कई सवाल
प्रारंभिक रिपोर्ट में बोइंग निर्मित बी-787 ड्रीमलाइनर विमान में और कोई चिंताजनक या संदेहास्पद तथ्य सामने आने की बात नहीं है। रिपोर्ट में खुल कर नहीं कहा गया है लेकिन अब यह संदेह गहरा गया है कि विमान दुर्घटना के पीछे मुख्य वजह मानवीय भूल है।
कुछ विशेषज्ञों ने साफ तौर पर कहा है कि यह जानबूझ कर की गई मानवीय गलती है। विमान के मुख्य पायलट सुमीत सभरवाल थे जबकि उनका साथ बतौर फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर दे रहे थे। फ्यूल ईंधन आपूर्ति स्विच के बारे में किस पायलट ने सवाल पूछा और किसने जवाब दिया, यह भी रिपोर्ट में नहीं बताया गया है।
रिपोर्ट ने दुनिया को कर दिया हैरान
वैसे एएआइबी की रिपोर्ट ने ना सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है। उड्डयन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर फ्यूल कंट्रोल स्विच के बंद होने से हादसा हुआ है तो यह अपनी तरह की पहली विमान दुर्घटना है। हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद बोइंग और एअर इंडिया ने तो बयान दिए हैं, लेकिन इंजन निर्माता कंपनी जेनरल इलेक्टि्रक ने कुछ नहीं कहा है।
हादसे में गई थी 260 लोगों की जान
उल्लेखनीय है कि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जाने वाला एअर इंडिया का विमान हादसे का शिकार हो गया था। इसमें चालक दल के सदस्यों समेत 241 लोगों की मौत हो गई थी। यह विमान एयरपोर्ट के पास ही स्थित एक मेडिकल कालेज के छात्रावास पर गिरा, जहां 19 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में सिर्फ एक विमान यात्री जिंदा बचा था।
इसके अलावा 67 लोग घायल हुए थे। दुर्घटना के बाद एएआइबी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एएआइबी ने बताया है कि अमेरिकी सरकार की नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी), एफएए, बोइंग व जेनरल इलेक्टि्रक के अधिकारियों ने भी जांच में मदद की है।
सेकेंड दर सेकेंड क्या हुआ
- 11.17 बजे : उड़ान एआइ423 के रूप में संचालित एअर इंडिया ड्रीमलाइनर वीटी-एएनबी नई दिल्ली से अहमदाबाद उतरा।
- 13.13.00 बजे : विमान ने पुशबैक और स्टार्ट अप का अनुरोध किया।
- 13.13.13 बजे: हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) ने पुशबैक को मंजूरी दी।
- 13.16.59 बजे: एटीसी ने स्टार्ट अप की मंजूरी दी।
- 13.19.12 बजे: एटीसी ने पूछा कि क्या विमान को रनवे की पूरी लंबाई की आवश्यकता है? विमान ने रनवे 23 की पूरी लंबाई की आवश्यकता की पुष्टि की।
- 13.25.15 बजे: विमान ने टैक्सी क्लीयरेंस का अनुरोध किया, जिसे एटीसी ने मंजूरी दे दी।
- 13.26.00 बजे: विमान टैक्सीवे आर4 के माध्यम से रनवे 23 पर पहुंचा, टेक-आफ के लिए तैयार हुआ।
- 13.32.03 बजे: विमान का नियंत्रण जमीन से टावर को स्थानांतरित।
- 13.33.45 बजे: विमान को रनवे 23 पर लाइन में लगने का निर्देश दिया गया।
- 13.37.33 बजे: एटीसी ने रनवे 23 से उड़ान भरने की अनुमति दी।
- 13.38.39 बजे: विमान ने रनवे से उड़ान भरी।
- 13.38.42 बजे: विमान की अधिकतम गति 180 नाट तक पहुंची। इसके तुरंत बाद इंजन एक और इंजन दो, दोनों के ईंधन कटआफ स्विच एक सेकेंड के अंतराल पर 'रन' से 'कटआफ' स्थिति में चले गए।
- ईंधन आपूर्ति बंद होते ही इंजन की गति धीमी होने लगती है।
- उड़ान भरने के तुरंत बाद रैम एयर टर्बाइन (आरएटी) का इस्तेमाल किया गया। एक पायलट दूसरे से पूछता हुआ सुनाई देता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया? दूसरा जवाब देता है कि उसने ऐसा नहीं किया।
- 13.38.47 बजे: इंजन एन1 और एन2, दोनों की गति न्यूनतम गति से नीचे चली जाती है। आरएटी का पंप हाइड्रोलिक पावर की आपूर्ति शुरू करता है।
- 13.38.52 बजे: इंजन एन1 का ईंधन कटआफ स्विच 'कटआफ' से 'रन' पर जाता है।
- 13.38.56 बजे: इंजन एन2 का ईंधन कटआफ स्विच भी 'रन' पर चला जाता है। इंजन 1 में सुधार होता है, लेकिन इंजन 2 अब भी काम करने में असमर्थ है।
- 13.39.05 बजे: दो पायलटों में से एक पायलट ने मेडे यानी आपातकालीन काल दिया।
- 13.39.11 बजे: विमान से डाटा रिकार्डिंग बंद हुई।
- 13.44.44 बजे: दमकल गाडि़यां बचाव और अग्निशमन के लिए हवाई अड्डे से रवाना हुईं।
अभी किसी निष्कर्ष पर न पहुंचें, फाइनल रिपोर्ट आने दो : नायडू
नागरिक उड्डयन मंत्री के राम मोहन नायडू ने कहा कि विमान दुर्घटना के संबंध में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना अभी अपरिपक्वता होगी। अभी केवल प्रारंभिक रिपोर्ट आई है। अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए। हमें फाइनल रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। यह तकनीकी मामला है और जांच एजेंसियों पर भरोसा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक बार जब उन्हें चीजें स्पष्ट हो जाएंगीज् तो वे अंतिम रिपोर्ट सौंपेंगी। ब्लैक बाक्स के डाटा को डिकोड करने का कार्य दिल्ली स्थित एएआइबी लैब में किया जा रहा है। एएआइबी, भारतीय पायलट और क्रू-मेंबर दुनिया में सर्वश्रेष्ठ पेशेवर हैं। हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ पूरा न्याय होना चाहिए। हम अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं।
पायलटों की संक्षिप्त बातचीत से नहीं निकाल सकते निष्कर्ष : मोहोल
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि पायलटों की बातचीत के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता, क्योंकि यह बहुत संक्षिप्त है। आगे की जांच जरूरी है। हमें उस रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। पहले ऐसी दुर्घटनाओं के मामले में ब्लैक बाक्स को विदेश भेजना पड़ता था। अब, हम इस जांच को खुद जल्दी से पूरा कर सकते हैं। एएआइबी एक स्वतंत्र निकाय है और इसमें मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
दुर्घटना की निष्पक्ष जांच कराएं : पायलट एसोसिएशन
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि जांच की शैली और दिशा पायलट की गलती की ओर पूर्वाग्रह का संकेत देती हैज्। हम इस धारणा को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं और निष्पक्ष, तथ्य-आधारित जांच पर जोर देते हैं।
पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हमारे प्रतिनिधियों को जांच प्रक्रिया में पर्यवेक्षक बनाया जाए। हम इस जांच से जुड़ी गोपनीयता पर हैरान हैं। हम इस तथ्य को भी दोहरा रहे हैं कि इस महत्वपूर्ण जांच में योग्य कर्मियों को शामिल नहीं किया जा रहा है। हमें लगता है कि जांच पायलटों को दोषी मानकर की जा रही है और हम इस सोच पर कड़ी आपत्ति जताते हैं।
उड्डयन विशेषज्ञ ने क्या कहा?
वहीं, उड्डयन विशेषज्ञ शक्ति लुंबा ने कहा कि सच्चाई का पता लगाने के लिए न्यायिक जांच जरूरी नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सच्चाई का पता लगाने के लिए इस हादसे की न्यायिक जांच करवानी चाहिए। यह सभी के हित में होगा और देश व नागरिक उड्डयन सेक्टर की प्रतिष्ठता के लिए भी सही होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो एएआइबी की रिपोर्ट का विरोध और मुखर ही होगा।
एअर इंडिया पायलटों के साथ प्रारंभिक रिपोर्ट की करेगी समीक्षा
एअर इंडिया ने कहा है कि वह विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की समीक्षा के लिए विशेष सत्र आयोजित करेगी और इसमें पायलटों को भी शामिल किया जाएगा। एअर इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (फ्लाइट आपरेशन) मनीष उप्पल ने पायलटों को लिखे एक पत्र में कहा-दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आधिकारिक तौर पर जारी कर दी गई है।
हालांकि यह अंतिम निष्कर्ष नहीं है, बल्कि हादसे के कारणों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि ऐसी त्रासदी रोकने के लिए सभी संभव उपाय किए जाएं। उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि पायलटों को दबाव का सामना करने, लगातार सीखने और सबसे जरूरी समय पर निर्णायक फैसला लेने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
बोइंग ने प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद कहा-जांच में सहयोग करते रहेंगे
विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने एएआइबी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद कहा कि वह एअर इंडिया की फ्लाइट एआइ-171 की दुर्घटना की जांच में सहयोग करती रहेगी। कंपनी ने एक आधिकारिक बयान में कहा-हम एअर इंडिया फ्लाइट-171 के पीडि़त यात्रियों और चालक दल के परिजनों के साथ हैं। हम जांच में हर संभव सहयोग करेंगे और विमान के संबंध में सभी जानकारी मुहैया कराएंगे।
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