Air India Plane Crash: पॉलिसीधारक और उनके नामिनी दोनों की हादसे में मौत, विमान दुर्घटना के बाद बीमा कंपनियों के सामने नई चुनौती
अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद बीमा कंपनियों के सामने दावों के निपटान की चुनौती बढ़ गई है क्योंकि कई मामलों में यात्री और नामित व्यक्ति दोनों की मृत्यु हो गई है। आइआरडीएआइ ने दावों को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए हैं और बीमा कंपनियों को साप्ताहिक अपडेट प्रस्तुत करने को कहा है। एलआइसी और अन्य बीमा कंपनियों ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल में सहायता डेस्क स्थापित की।

पीटीआई, अहमदाबाद। एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद अब बीमा कंपनियों के लिए कुछ दावों का निपटान करने के लिए एक अप्रत्याशित चुनौती पैदा हो गई है क्योंकि इस भयावह हादसे में यात्रियों के साथ-साथ नामित व्यक्ति की भी मृत्यु हो गई है। इसकी वजह से शोक संतप्त परिवारों पर एक अतिरिक्त प्रशासनिक बोझ बढ़ गया है।
हालांकि, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आइआरडीएआइ) ने दावों को तेजी से निपटाने के निर्देश जारी किए हैं।
राशि वितरण में तेजी लाने का निर्देश दिया गया
आइआरडीएआइ ने 14 जून के अपने परिपत्र में सभी बीमा कंपनियों से 16 जून से दावों पर साप्ताहिक अपडेट प्रस्तुत करने को कहा है।
साथ ही, उन्हें नोडल अधिकारी नियुक्त करने, एफआइआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट जैसी औपचारिकताओं से छूट देने और जीवन बीमा तथा व्यक्तिगत दुर्घटना पॉलिसियों के तहत दावों की राशि वितरण में तेजी लाने का निर्देश दिया। कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां दुर्घटना में पूरा परिवार ही खत्म हो गया या दोनों पति-पत्नी की मृत्यु हो गई। इससे दावा प्रक्रिया विशेष रूप से जटिल हो गई है।
अहमदाबाद सिविल अस्पताल में तुरंत सहायता डेस्क स्थापित की गई
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी), न्यू इंडिया एश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ, इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस, बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी (जीआइसी) और टाटा एआइए इंश्योरेंस सहित प्रमुख बीमा प्रदाताओं ने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल में तुरंत सहायता डेस्क स्थापित की। वे अधिकारियों से प्राप्त डाटा का मिलान अपने रिकार्ड से कर रहे हैं और प्रभावित परिवारों तक सक्रिय रूप से पहुंच रहे हैं।
बहरहाल, ऐसे मामलों में जटिलताएं पैदा हुईं जहां पालिसीधारक और उनके नामिनी दोनों की दुर्घटना में मृत्यु हो गई। एलआइसी के प्रशासनिक अधिकारी (दावा विभाग) आमिर खान पठान ने इस चुनौतीपूर्ण परिदृश्य को उजागर करते हुए कहा कि ''कुछ मामलों में पति और पत्नी दोनों दुर्घटना में मारे गए और उन्होंने एक-दूसरे को अपनी पालिसी के लिए नामित किया था''।
एलआइसी के एक अन्य प्रशासनिक अधिकारी आशीष शुक्ला ने कहा कि अब तक प्राप्त 10 दावों में से एक में ऐसी स्थिति शामिल है, जहां बीमाधारक ने अपने जीवनसाथी को नामित किया था, और दुर्घटना में दोनों की मृत्यु हो गई। इसी तरह, इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंधक (दावा विभाग) मनप्रीत ¨सह सभरवाल ने एक ऐसे मामले का हवाला दिया, जिसमें कंपनी के निदेशक और उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई, जिसमें पत्नी नामिनी थी।
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