'जल्दी युद्ध खत्म करने की कला भारत से सीखे दुनिया', ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर ऐसा क्यों बोले वायुसेना प्रमुख
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि दुनिया को भारत से सीखना चाहिए कि कैसे संघर्ष को जल्दी शुरू और खत्म किया जा सकता है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के लक्ष्यों पर जोर दिया। जनरल सिंह ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष में वायु शक्ति की श्रेष्ठता को उजागर किया। उ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया को भारत से यह सीखना चाहिए कि कैसे किसी संघर्ष को जल्दी से शुरू और समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत द्वारा तय किए गए स्पष्ट लक्ष्यों पर भी जोर दिया।
एयर फोर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि लक्ष्य हासिल हो जाने पर संघर्ष को समाप्त कर देना चाहिए। जनरल सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष के दौरान वायु शक्ति की श्रेष्ठता साफ दिखाई दी। एस-400 मिसाइल सिस्टम गेम-चेंजर साबित हुआ, क्योंकि इसकी रेंज और क्षमता को देखते हुए दुश्मन पूरी तरह से बेहाल हो गया था। पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को नुकसान हुआ। उनके बुनियादी ढांचे, रडार, कंट्रोल और कोआर्डिनेशन सेंटर और विमानों को बहुत नुकसान हुआ।
पाकिस्तान को हुए नुकसान की दिखाईं तस्वीरें
रूस-यूक्रेन युद्ध सहित विभिन्न संघर्षों का हवाला देते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि जब युद्ध शुरू होता है, तो दुनिया अपने लक्ष्यों को भूल जाती है। वायुसेना प्रमुख ने 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक की प्रभावशीलता का सुबूत मांगने वालों पर भी तंज कसा। उन्होंने आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान की कुछ ग्राफिक तस्वीरें दिखाईं। कहा कि दुनियाभर में कई युद्धों के लंबे समय तक चलने के मद्देनजर इस आपरेशन का एक महत्वपूर्ण पहलू संघर्ष को जल्द समाप्त करना था।
'पाकिस्तान पीछे हटा तो रुका सैन्य अभियान'
उन्होंने इस बात को भी खारिज कर दिया कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अपना सैन्य अभियान जारी रखना चाहिए था। उन्होंने कहा, हमने लोगों को यह कहते सुना कि हमने बहुत जल्दी युद्ध रोक दिया। हां, वह (पाकिस्तान) पीछे हट गया था। इसमें कोई शक नहीं। लेकिन, हमारे लक्ष्य क्या थे? हमारा लक्ष्य आतंकवाद-रोधी कार्रवाई करना था। हमें उस पर हमला करना था। हमने ऐसा किया। तो अगर हमारे लक्ष्य पूरे हो गए हैं, तो हमें संघर्ष क्यों नहीं खत्म करना चाहिए? हमें इसे क्यों जारी रखना चाहिए? किसी भी संघर्ष की भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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