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    AIADMK से बाहर निकाले जाने पर छलका सेंगोट्टैयन का दर्द, कहा- मैं दर्द में...

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 02:00 PM (IST)

    AIADMK के वरिष्ठ नेता केए सेंगोट्टैयन को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने 50 साल से अधिक की सेवा के बाद बिना नोटिस निकाले जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया। सेंगोट्टैयन ने स्पष्ट किया कि निष्कासित नेताओं (ओ पन्नीरसेल्वम, टीटीवी दिनाकरन, वीके शशिकला) को वापस बुलाने का उनका सुझाव पार्टी को मजबूत करने के लिए था, धमकी नहीं। उन्होंने ईपीएस पर भी निशाना साधा।

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    AIADMK के वरिष्ठ नेता केए सेंगोट्टैयन ने निष्कासन पर तोड़ी चुप्पी। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, चेन्नई। AIADMK के वरिष्ठ नेता केए सेंगोट्टैयन को पार्टी ने अचानक बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं, बर्खास्त होने के कई घंटों बाद सेंगोट्टैयन ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने पार्टी के इस कदम की आलोचना अपना दर्द बयां किया है।

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    सेंगोट्टैयन के अनुसार, "मैं पार्टी से निकाले जाने पर बेहद दुखी हूं, दर्द में हूं, आंसू बहा रहा हूं और मुझे नींद नहीं आ रही है।" सेंगोट्टैयन का कहना है कि उन्हें सबसे ज्यादा बुरा इस बात का लगा कि उन्होंने लगभग आधे दशक (50 साल) से ज्यादा पार्टी के लिए काम किया और उन्हें बिना नोटिस दिए ही बाहर निकाल दिया गया। उन्हें निष्कासित करने से पहले पार्टी ने एक नोटिस तक नहीं दिया।

    सेंगोट्टैयन ने कहा-

    मैंने निष्कासित नेताओं को वापस बुलाने के लिए पार्टी को कोई धमकी नहीं दी थी। यह सिर्फ एक सुझाव था, जिसपर चर्चा होनी चाहिए थी। मेरा यह सुझाव पार्टी को रिन्यू करने के लिए था, जिससे MGR और जयललिता का सपना पूरा हो सके।

    ईपीएस पर साधा निशाना

    सेंगोट्टैयन ने एडप्पादी के पलानीस्वामी (EPS) पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "यह सच है कि मैंने पार्टी के निष्कासित नेताओं से बात करते हुए सहयोग मांगा था, लेकिन EPS ने मुझे DMK की बी-टीम करार दे दिया। पूरे देश को पता है कि बी-टीम कौन है। मैं किसी की बी-टीम नहीं हूं, लेकिन EPS जरूर ए-टीम हैं।"

    क्या है पूरा मामला?

    बता दें कि सेंगोट्टैयन ने पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम, टीटीवी दिनाकरन और जयललिता की सहयोगी वीके शशिकला को फिर से पार्टी में वापस बुलाने की मांग की थी। सेंगोट्टैयन के इस बयान के बाद ही पार्टी ने एक्शन लेते हुए उन्हें भी निष्कासित कर दिया। साथ ही पार्टी के सभी नेताओं को सेंगोट्टैयन से संपर्क न करने का आदेश दिया गया है।

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