एआई हाइपर-ऑटोमेशन है, लोगों को अपस्किल, री-स्किल करने की ही आवश्यकता : कामकोटि

एआई कभी भी इंसानों के महत्व को प्रतिस्थापित नहीं कर पाएगा और उनकी नौकरियों को नहीं छीन पाएगा। मुझे याद है कि जब कई साल पहले बैंकों में कम्प्यूटरीकरण क...और पढ़ें
जागरण न्यू मीडिया में एग्जीक्यूटिव एडिटर के पद पर कार्यरत। दो दशक के करियर में इन्होंने कई प्रतिष्ठित संस्थानों में कार ...और जानिए
देश में स्टॉर्टअप का बूम आ चुका है। स्टॉर्टअप सफलता के नए प्रतिमान गढ़ रहे हैं। आईआईटी मद्रास में इंवेटिव-2025 का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी तादाद में इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों और शिक्षकों ने अपने प्रयोग और इनोवेशन प्रदर्शित किए। इस मौके पर कई टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी इंडस्ट्री के साथ हुए। इस मौके पर जागरण न्यू मीडिया ने विभिन्न मसलों पर आईआईटी मद्रास के निदेशक वी.कामकोटि से बात की।
देश में स्टॉर्टअप का बूम आ चुका है। एक तरफ जहां तेजी से स्टॉर्टअप खुल रहे हैं तो दूसरी तरफ कई रिपोर्ट यह कहती है कि पांच साल के अंदर स्टॉर्टअप बंद भी हो जाते हैं ? स्टार्टअप्स की विफलता के पीछे प्रमुख कारण क्या हैं?
स्टार्टअप्स की विफलता के पीछे प्रमुख कारणों में से एक संस्थापकों के बीच जुनून की कमी है। जब प्रारंभिक उत्साह कम हो जाता है, तो चुनौतियों का सामना करने की क्षमता भी घटती है, जिससे स्टार्टअप्स असफल हो सकते हैं। जुनून वह ईंधन है जो उद्यमियों को कठिन समय में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। यह उन्हें निरंतर नवाचार करने और समस्याओं का समाधान खोजने में सहायता करता है। सफलता के लिए एक मजबूत व्यवसाय मॉडल, बाजार की समझ, टीम की दक्षता और निरंतर सीखने की क्षमता आवश्यक हैं। हमारे पास एक समर्पित इनक्यूबेशन सेंटर है जो नवोदित उद्यमियों को मार्गदर्शन, संसाधन और नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करता है। पने विचारों पर विश्वास रखें, लेकिन बाजार की वास्तविकताओं के प्रति जागरूक रहें। लचीलापन और अनुकूलन क्षमता सफलता की कुंजी हैं। जल्दी मुनाफा कमाने के बजाय दीर्घकालिक सोच रखें और निरंतर नवाचार करते रहें। कई बार लोगों में अनिश्चितता की भावना घर करने लगती है और जब कुछ निवेशक उनके आइडिया पर सवाल उठाने लगते हैं तो वे हार मान लेते हैं, जिससे उनके आइडिया की चमक खत्म हो जाती है और वे असफल हो जाते हैं। यही मुख्य कारण है कि अधिकांश भारतीय स्टार्टअप आइडिया असफल रहते हैं और उनमें से कुछ को छोड़कर लंबे समय तक सफल नहीं होते।
मौजूदा समय में एआई तकनीक को लेकर पूरी दुनिया में बात चल रही है। हर इंडस्ट्री अपने लिहाज से एआई को इस्तेमाल करने में लगी है। चीन के डीपसीक ने चैटजीपीटी और जैमिनी के सामने कड़ी चुनौती पेश की है। ऐसे में भारत कहां पर है?
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