हादसों के मामले में दागदार है बोइंग विमानों का इतिहास, ड्रीमलाइनर में सामने आ चुकी है तकनीकी दिक्कतें
एअर इंडिया विमान हादसे में बोइंग का 787 ड्रीमलाइनर शामिल था। यह पहला मौका नहीं है जब बोइंग के विमान क्रैश हुए हैं। हादसों के मामले में बोइंग विमानों का इतिहास दागदार रहा है। दक्षिण कोरिया में विमान हादसा 2024 में दक्षिण कोरिया में बोइंग का विमान क्रैश हुआ था जिसमें लगभग 180 लोगों की जान चली गई थी। इसमें बोइंग का 737-800 एयरक्राफ्ट शामिल था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एअर इंडिया विमान हादसे में बोइंग का 787 ड्रीमलाइनर शामिल था। यह पहला मौका नहीं है जब बोइंग के विमान क्रैश हुए हैं। हादसों के मामले में बोइंग विमानों का इतिहास दागदार रहा है।
आइये जानते हैं बोइंग विमानों से जुड़े प्रमुख हादसों के बारे में....
दक्षिण कोरिया में विमान हादसा
दक्षिण कोरिया में विमान हादसा 2024 में दक्षिण कोरिया में बोइंग का विमान क्रैश हुआ था, जिसमें लगभग 180 लोगों की जान चली गई थी। इसमें बोइंग का 737-800 एयरक्राफ्ट शामिल था, जो 737 मैक्स का नया वर्जन था।
2018 और 2019 में विमान हुए क्रैश 2018 और 2019 में भी बोइंग 737 मैक्स का विमान क्रैश हुआ था, जिनमें लायन एयर फ्लाइट 610 और इथियोपियन एयरलाइंस फ्लाइट 302 शामिल थीं।
2018 और 2019 की दुर्घटना में मारे गए लोग
इन दुर्घटनाओं के कारण बोइंग को इन विमानों का परिचालन रोकना पड़ा था, जिससे कंपनी को 30 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। 2018 और 2019 की दुर्घटना में 189 और 157 लोगों की जान गई थी।
बोइंग के विमान में क्या खराबी हैजब बोइंग के विमान लगातार क्रैश हो रहे थे तो बोइंग 737 मैक्स की जांच की गई। जांच से पता चला कि मैन्युवरिंग कैरेक्टरिस्टिक्स आग्मेंटेशन सिस्टम (एमसीएस) ने मैनुअली लैंडिंग पर निर्भरता कम कर दी थी, लेकिन पायलटों को इसके बारे में सही तरीके से ब्रीफ नहीं किया गया।
2018 और 2019 में 346 यात्री और क्रू मेंबर्स की जान चली गई
2018 और 2019 में 346 यात्री और क्रू मेंबर्स की जान चली गई। इस हादसे के बाद इस विमान का संचालन रोक दिया गया था। बाद में इसे अपडेट करके बोइंग 737-800 के नाम से परिचालन में लाया गया था।
अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में बोइंग का 787 ड्रीमलाइनर शामिल है, जिसकी पहले कभी क्रैश होने की कहानी नहीं रही है। ब्लैक बाक्स मिलने के बाद अहमदाबाद हादसे का खुलासा हो सकेगा।
9000 से ज्यादा लोगों की जान गई
वाइजनरबामडाटकाम की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बोइंग विमान दुनिया भर में लगभग 6,000 दुर्घटनाओं में शामिल रहे हैं। इसमें 415 घातक थीं और 9,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। दुनिया भर में हजारों यात्री विमानों में कम से 4,000 से ज्यादा विमान बोइंग 737-800 हैं। न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका महाद्वीप में बोइंग विमानों का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है।
ड्रीमलाइनर में सामने आ चुकी है तकनीकी दिक्कतें
उन्नत तकनीक और ईंधन की कम खपत के लिए जाना जाने वाला बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दुनिया भर में कई तकनीकी और सुरक्षा मुद्दों का सामना कर चुका है। अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुआ विमान बोइंग का ड्रीमलाइनर ही है। यह विमान लंबी दूरी का अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।
बोइंग विमानों का इतिहास सुरक्षा चिंताओं से जुड़ा रहा है
इस विमान को आधुनिक ओर सक्षम विमान माना जाता है लेकिन इन विमानों का इतिहास सुरक्षा चिंताओं से जुड़ा रहा है। लीथियम आयन बैटरी में आग लगने की घटनाएं 2013 में, लीथियम-आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद ड्रीमलाइनर की पूरी ग्लोबल फ्लीट को रोक दिया गया था। इसमें बोस्टन में पार्क किए गए जापान एयरलाइंस के जेट में आग लगना और जापान में एक और मिड एयर इमरजेंसी शामिल थी।
इन घटनाओं के बाद यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ड्रीमलाइनर का संचालन रोक दिया था। बोइंग ने बैटरी सिस्टम को फिर से डिजाइन किया। इसके बाद ड्रीमलाइनर का संचालन फिर से शुरू किया गया।
छोटी-छोटी खामियां अभी भी होती हैं
विमान में संरचनात्मक समस्याएं 2024 में कंपनी के एक इंजीनियर, व्हिसलब्लोअर सैम सालेहपुर ने ड्रीमलाइनर के मुख्य भाग में संरचनात्मक समस्याओं के बारे में अमेरिकी सीनेट को बताया था। इसके बाद बोइंग फिर से जांच के दायरे में आ गया।
उन्होंने दावा किया था कि छोटी-छोटी खामियां और सही असेंबलिंग न होना विमान के जल्द खराब होने और संरचनात्मक विफलता का कारण बन सकते हैं। एफएए ने एक जांच शुरू की, जो अभी भी जारी है।
कॉकपिट सीट में खराबी
कॉकपिट सीट में खराबी मार्च 2025 में, एलएटीएम एयरलाइंस द्वारा संचालित बोइंग 787-9 ने उड़ान के बीच में अचानक ऊंचाई में गिरावट का अनुभव किया। इससे 50 लोग घायल हो गए। बाद में इसका कारण कॉकपिट सीट में खराबी बताया गया। पिछले कुछ वर्षों में पायलटों ने इंजन में बर्फ जमने, ईंधन रिसाव, जनरेटर की विफलता और विद्युत प्रणाली में खराबी जैसी समस्याओं की भी शिकायत की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।