विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन के लिए अड़े किसान आंदोलनकारियों को लेकर सरकार एक बार फिर से अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से ही निकल सकता है इसलिए सरकार के द्वार किसानों के लिए अभी भी खुले हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन के लिए अड़े किसान आंदोलनकारियों को लेकर सरकार एक बार फिर से अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से ही निकल सकता है, इसलिए सरकार के द्वार किसानों के लिए अभी भी खुले हैं।
किसानों की मांगें पूरी करने में आ रही व्यावहारिक समस्याओं की ओर इंगित करते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून पर किसानों को रचनात्मक पक्ष रखना होगा, सिर्फ मांग को बातचीत का आधार बनाने से रास्ता नहीं निकलेगा। पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बार्डर पर मंगलवार को आंदोलनकारी किसानों और पुलिस में चल रहे टकराव के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने उन चर्चाओं को खारिज किया कि सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत पूरी तरह विफल हो गई है।
बातचीत में कुछ मुद्दे सुलझ गए
उन्होंने कहा कि बातचीत में कुछ मुद्दे सुलझ गए और कुछ पर बात नहीं बन सकी। एमएसपी कानून की मांग को लेकर मंत्री ने कहा कि जब भी कोई कानून बनता है तो सभी संबंधित पक्षों को ध्यान में रखना होता है। आंदोलन पर डटे किसानों का पक्ष सिर्फ मांग के रूप में न आए, बल्कि इस तरह रचनात्मक रूप से पक्ष आना चाहिए कि सभी पक्ष उसे समझ सकें। उन्होंने कहा कि हर राज्य की अलग परिस्थिति होती है।
एमएसपी राज्य का विषय
एमएसपी राज्य का विषय है, इसलिए हमें कानून बनाने से पहले सभी राज्यों के साथ विधि अपनाने को लेकर बात करनी होगी। अर्जुन मुंडा ने कहा कि 2018 में केंद्र सरकार ने जो अधिसूचित किया, वह अभी लागू है। उसी की वजह से न्यूनतम समर्थन मूल्य ढाई गुणा है। देश में खाद्यान्न उत्पादन भी बढ़ा।
किसानों के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता
किसानों के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए बोले कि कृषि के लिए बजट आवंटन यूपीए शासनकाल में 27 हजार करोड़ रुपये था, जिसे मोदी सरकार ने बढ़ाकर एक लाख 24 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाया। किसानों संगठनों के प्रतिनिधियों के लिए संदेश दिया कि जब भी कोई हितों की चिंता करे तो उसमें शामिल होना चाहिए। यह कैसे और बेहतर हो सकता है, इस पर बैठकर चर्चा करनी चाहिए।
कुछ लोग किसानों को बदनाम करने का प्रयास कर रहे
आंदोनल में राजनीतिक हस्तक्षेप की ओर इशारा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसान संगठनों को यह समझना चाहिए कि कुछ लोग उनके आंदोलन का राजनीतिक लाभ उठाकर किसानों को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। फिर अर्जुन ने सीधा सियासी तीर निकाल लिया और बोले- किसानों की समस्याओं का हम स्थायी समाधान चाहते हैं। कांग्रेस नहीं हैं, जो घोषणा करके पीछे हट जाएं। उन्होंने दोहराया कि सरकार आश्वस्त है कि किसानों के साथ बातचीत कर मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे।
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