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    अब कृषि क्षेत्र के लिए भी कुशल हाथों की बढ़ी मांग, मैन्युफैक्चरिंग एंड इंजीनियरिंग के बाद सबसे अधिक है डिमांड

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 10:30 PM (IST)

    युवाओं का रुझान अब कृषि क्षेत्र में बढ़ रहा है जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। कौशल विकास मंत्रालय के अनुसार 226 जिलों में कृषि और संबंधित क्षेत्रों में कुशल कामगारों की सबसे अधिक मांग है। उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कृषि कौशल विकास की विशेष आवश्यकता है।

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    विशेषज्ञों ने स्किल गैप और कौशल मांग का आकलन किया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। कृषि से मुंह फेरकर भले ही युवाओं ने रोजगार की चाह में बीते दशकों में तेजी से दूसरे क्षेत्रों की ओर दौड़ लगाई हो, लेकिन अब रोजगार-स्वरोजगार की बड़ी संभावनाएं इसी क्षेत्र में दिखाई दे रही हैं। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा देशभर में स्थानीय स्तर पर राज्य कौशल विकास समिति और जिला कौशल विकास समितियों द्वारा जो योजनाएं बनाई गई हैं, उनके आधार पर विशेषज्ञों ने स्किल गैप और कौशल मांग का आकलन किया है।

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    इस अध्ययन के निष्कर्ष हैं कि वर्तमान में सबसे अधिक कुशल हाथों की मांग कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों में ही है। कुल 226 जिलों से इस क्षेत्र में कुशल कामगारों की मांग उभरकर सामने आई है। कौशल विकास मंत्रालय ने कुल दस समूहों में अधिक मांग वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया है। इनमें कोई संदेह नहीं कि पारंपरिक रूप से सबसे अधिक कुशल श्रमिकों की आवश्यकता अभी भी मैन्युफैक्चरिंग एंड इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के सेक्टर में है, लेकिन उसके बाद सबसे अधिक मांग कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में ही है।

    डिजिटल युग में इस सेक्टर का मजबूत प्रभाव

    इसी तरह से डिजिटल युग में इस सेक्टर का मजबूत प्रभाव बना हुआ है। आईटी-आइटीईएस सेक्टर का स्किल गैप 127 जिलों में पाया गया है। अधिक मांग वाले अन्य सेक्टर में हेल्थ केयर, इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन, रिन्युएबल एनर्जी एंड ग्रीन टेक्नोलॉजी, पर्सनल एंड सोशल सर्विस, सेल्स एंड फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी, सर्विस और ट्रैवल, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी और संबंधित क्षेत्र भी शामिल हैं।

    यदि उभरते क्षेत्र के रूप में कृषि की राज्यवार बात करें तो आंध्र प्रदेश में पहले स्थान 19 जिलों में कंस्ट्रक्शन तो 16 जिलों में कृषि और संबंधित क्षेत्र में कौशल विकास की मांग है। इसी तरह कृषि के मामले में उत्तर प्रदेश के 54 जिलों, मध्य प्रदेश के 36 जिलों, महाराष्ट्र के 24 जिलों, असम के 22 जिलों, बिहार के 17 जिलों, पश्चिम बंगाल के 11 जिलों और हिमाचल प्रदेश के नौ जिलों में अधिक मांग है।

    अब सरकार की तैयारी है कि स्थानीय आवश्यका या स्किल गैप के आधार पर ही केंद्र से लेकर राज्य और जिला स्तर पर कौशल विकास योजनाएं बनाई जाएं। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर भी योजनाओं को धरातल पर उतारने और उनकी निगरानी के लिए मजबूत तंत्र विकसित करने के प्रयास चल रहे हैं।

    कृषि क्षेत्र के उभरते जॉब रोल

    डेरी किसान, एग्रीकल्चर टेक्नीशियन, मशरूम उत्पादक, बांस उत्पादक, फूड प्रोसेसिंग वर्कर, लघु सिंचाई तकनीशियन, सोलर पंप तकनीशियन, किसान ड्रोन ऑपरेटर, वर्मी कंपोस्ट उत्पादक, फूड पैकेजिंग वर्कर, ट्रैक्टर सर्विस मैकेनिक

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