घाटी पुन: बंद, जनजीवन अस्त व्यस्त
कश्मीर घाटी में सोमवार को भी अलगाववादियों के बंद के फरमान पर सामान्य जनजीवन ठप है, अप्रिय घटना न हो इसलिए यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। कश्मीर घाटी में एक बार फिर सोमवार को अलगाववादियों के बंद के फरमान पर सामान्य जनजीवन ठप होकर रह गया। बंद के दौरान प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी वादी में विशेषकर दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।
कटटरपंथी सईद अली शाह गिलानी,उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारुक और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के यासीन मलिक ने गत इतवार को कुलगाम में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में चार आतंकियों के मारे जाने व बाद में भड़की हिंसा में एक नागरिक की मौत के खिलाफ किया है। मुठभेड़ के दौरान भी एक ग्रामीण क्राॅस फायरिंग की चपेट में आकर मारा गया था। अलगाववादियों ने लोगों से सोमवार को बंद रखते हुए कुलगाम मार्च का आह्वान किया है।
बंद का असर आज सुबह से ही वादी के सभी इलाकों में नजर आया। श्रीनगर समेत वादी के सभी प्रमुख कस्बों और शहरों में दुकानें व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों पर निजी और सार्वजनिक वाहन भी बहुत कम नजर आए। अलबत्ता,कई इलाकों में तिपहिया वाहन और रेहडी फडी वाले जरुर रहे।
अलगाववादियों के बंद और कुलगाम मार्च के आहवान को देखते हुए प्रशासन ने वादी के सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त किया है। पुलिस व अर्धसैनिक बलों की गश्त को बढ़ाया गया है।
कई जगह सुरक्षाबलों ने नाके भी लगाए हैं, जहां वह राहीगीरों और वाहनों की जांच कर रहे हैं, हालांकि अधिकारिक तौर पर वादी में किसी भी जगह निषेधाज्ञा नहीं लगाई गई है। किसी भी इलाके को बंद नहीं किया गया है। लेकिन कुलगाम की तरफ आने जाने वाले रास्तों पर कई जगह कंटीली तार लगाई गई है और वहां दूसरे इलाकों से आने वाले लोगों को सुबह कथित तौेर पर रोका गया है। इस खबर के लिखे जाने तक स्थिति लगभग शांत थी। अन्य विवरण प्रतीक्षारत हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।