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    तेलंगाना में चुनाव जीत कर 15 डॉक्टर बने हैं विधायक, ऑर्थोपेडिक सर्जन से लेकर कई विभाग के लोग शामिल; किसे मिलेगा स्वास्थ्य विभाग?

    By Jagran NewsEdited By: Versha Singh
    Updated: Thu, 07 Dec 2023 11:05 AM (IST)

    आज तेलंगाना में मनोनीत मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी CM पद की शपथ लेंगे। वहीं मिली जानकारी के अनुसार नवनिर्वाचित तेलंगाना विधानसभा में पंद्रह विधायक डॉक्टर हैं और उनमें तीन आर्थोपेडिक सर्जन शामिल हैं। उनमें से अधिकांश अभी भी चिकित्सा का अभ्यास कर रहे हैं जबकि अन्य लोग व्यवसायों में शामिल हैं। डॉक्टर विधायकों में से ग्यारह कांग्रेस पार्टी के हैं जबकि तीन BRS से हैं। एक डॉक्टर विधायक बीजेपी से हैं।

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    तेलंगाना में चुनाव जीत कर 15 डॉक्टर बने हैं विधायक

    आईएएनएस, हैदराबाद। नवनिर्वाचित तेलंगाना विधानसभा में पंद्रह विधायक डॉक्टर हैं और उनमें तीन आर्थोपेडिक सर्जन शामिल हैं। उनमें से अधिकांश अभी भी चिकित्सा का अभ्यास कर रहे हैं जबकि अन्य लोग व्यवसायों में शामिल हैं।

    डॉक्टर विधायकों में से ग्यारह कांग्रेस पार्टी के हैं, जबकि तीन भारत राष्ट्र समिति (BRS) से हैं। एक डॉक्टर विधायक बीजेपी से हैं। इनमें से तीन विधायक अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों से चुने गए हैं जबकि तीन अन्य अनुसूचित जाति से हैं।

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    कांग्रेस के टिकट पर महबूबाबाद (एसटी) से चुने गए मुरली भुक्या नाइक एक मेडिकल प्रैक्टिशनर हैं। उन्होंने पांडिचेरी विश्वविद्यालय, जिपमर से मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) की उपाधि प्राप्त की है।

    दोर्नाकल (एसटी) से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुने गए जटोथ रामचंदर नाइक भी चिकित्सा का अभ्यास करते हैं। उन्होंने 2001 में उस्मानिया मेडिकल कॉलेज से एमएस (जनरल) किया।

    मनकोंडुरु (एससी) से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतने वाले कव्वमपल्ली सत्यनारायण ने नामांकन दाखिल करते समय जमा किए गए हलफनामे में खुद को डॉक्टर बताया है। उन्होंने 1998 में काकतीय मेडिकल कॉलेज से एमएस की उपाधि प्राप्त की है।

    कल्वाकुंतला संजय एक आर्थोपेडिक सर्जन हैं। वह कोरातला निर्वाचन क्षेत्र से बीआरएस टिकट पर चुने गए, उन्होंने निजामाबाद से भाजपा सांसद डी. अरविंद को हराया। उन्होंने 2003 में जेएसएस मेडिकल कॉलेज मैसूर से एमएस ऑर्थो किया।

    बीआरएस टिकट पर जगतियाल से चुने गए एम. संजय कुमार एक मेडिकल प्रैक्टिशनर भी हैं। उन्होंने एमबीबीएस और डीओएमएस (नेत्र चिकित्सा और सर्जरी में डिप्लोमा) किया है।

    एमडी के छात्र चित्तम पर्णिका रेड्डी कांग्रेस के टिकट पर नारायणपेट से विधानसभा के लिए चुने गए थे। 30 वर्षीया ने 2016 में एमबीबीएस किया था।

    कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अचमपेट से चुने गए चिक्कुडु वामशी कृष्णा एक पेशेवर चिकित्सक भी हैं। वह एक जनरल सर्जन हैं।

    नगरकुर्नूल से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए के. राजेश रेड्डी मास्टर ऑफ डेंटल सर्जन (एमडीएस) हैं।

    मेडक से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए मयनामपल्ली रोहित राव पेशे से एक बिजनेसमैन हैं। 26 वर्षीय ने बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी की पढ़ाई की है।

    कांग्रेस पार्टी नारायणखेड़ के पी. संजीव रेड्डी भी पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने एमबीबीएस किया।

    कांग्रेस के टिकट पर चेन्नूर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए पूर्व सांसद जी. विवेक ने भी एमबीबीएस की पढ़ाई की है। वह एक व्यवसायी और नई विधानसभा में सबसे अमीर विधायक हैं, जिनकी घोषित पारिवारिक संपत्ति 600 करोड़ रुपये से अधिक है।

    सिरपुर से चुने गए बीजेपी के पलवई हरीश बाबू पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं। उन्होंने एमएस ऑर्थो की पढ़ाई की है।

    भद्राचलम निर्वाचन क्षेत्र (एसटी) से बीआरएस उम्मीदवार के रूप में चुने गए टी. वेंकट राव एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने 2011 में एमएस की उपाधि प्राप्त की।

    कांग्रेस के टिकट पर सथुपल्ले (एससी) से निर्वाचित मट्टा रागमयी भी चिकित्सा का अभ्यास करती हैं। उनके पास एमबीबीएस की डिग्री है और उन्होंने डीटीसीडी भी की है।

    निजामाबाद ग्रामीण से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित आर भूपति रेड्डी ने ऑर्थोपेडिक्स में एमएस किया है।

    तेलंगाना जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि किसी डॉक्टर को स्वास्थ्य मंत्री बनाया जाना चाहिए। एसोसिएशन ने विधायक चुने गये 15 डॉक्टरों को बधाई दी।

    उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की विस्तृत समझ होती है। वर्षों के प्रशिक्षण और व्यावहारिक अनुभव के कारण उन्हें रोगी देखभाल, अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सा पेशे की जटिल गतिशीलता की स्पष्ट जानकारी है। उनकी विशेषज्ञता ऐसी नीतियां तैयार करने में मदद करती हैं जो रोगी की भलाई को प्राथमिकता देती हैं और स्वास्थ्य देखभाल दक्षता में सुधार करती हैं जिससे एक स्वस्थ राज्य को बढ़ावा मिलता है।

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