Move to Jagran APP

आखिरकार क्यों मोदी सरकार ने लगाया e-cigarette पर बैन? जानिए- क्या थी वजह

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने मई में केंद्र सरकार को e-cigratte बैन करने की बात कही गई थी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 08:02 PM (IST)
आखिरकार क्यों मोदी सरकार ने लगाया e-cigarette पर बैन? जानिए- क्या थी वजह
आखिरकार क्यों मोदी सरकार ने लगाया e-cigarette पर बैन? जानिए- क्या थी वजह

नई दिल्ली, एजेंसी। मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बड़ा ऐलान करते हुए ई-सिगरेट (E-Cigarettes) को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया। सीतारमण ने ई सिगरेट पर बैन लगाने की जानकारी देते हुए कहा कि इसके निर्माण, वितरण, बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने इसके इस्तेमाल पर सजा के भी प्रावधान बताए। हालांकि, यह बैन क्यों करना पड़ा, इसके पीछे के क्या कारण हैं? इसके बारे में सूत्रों द्वारा पता चला है।

prime article banner

पता चला है कि मई में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा ई-सिगरेट को लेकर एक व्हाइट पेपर केंद्र सरकार को जारी किया गया था। इस पेपर में ई-सिगरेट या इंड्स (Electronic Nicotine Delivery System) पर पूरी तरह बैन लगाने की बात कही गई थी।

इसमें ई-सिगरेट के साइड इफेक्ट्स गिनाए गए। जानकारी देते हुए बताया कि नई जनरेशन को ऐसा लगता है कि ई-सिगरेट पीने से कुछ गलत नहीं होता। हालांकि, स्वास्थ्य के लिए ई-सिगरेट उतनी ही हानिकारक है जितना की साधारण सिगरेट। सीतारमण ने बैन लगाते हुए कहा था कि ऐसे दिखाया जाता है जैसे ई-सिगरेट से सिगरेट छोड़ने में आसानी होती है, जबकि अध्ययन से खुलासा हुआ है कि इससे सिगरेट की आदत को बढ़ावा मिलता है।

हालांकि, इसके पीछे E-Cigarettes पर बन रही पूरी दुनिया की आम राय भी एक बड़ा कारण बताया गया। बता दें कि इसकी वजह से बढ़ते मौत के आंकड़ों पर अब दुनिया के कई देशों ने चिंता जताई है। इतना ही नहीं कुछ देशों में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है तो कुछ ऐसे भी हैं जहां इस पर आंशिक प्रतिबंध है। कुछ ऐसे भी देश हैं जहां पर इसकी बिक्री को कानूनी दर्जा मिला हुआ है। अब भारत ने भी इसे बैन कर इसपर अपनी गंभीरता दिखा दी है।

सजा का प्रावधान

बता दें कि आदेशों का पहली बार उल्लंघन करने वालों पर एक लाख रुपये के जुर्माने के साथ एक साल तक की अधिकतम कैद या दोनों का प्रावधान किया गया है। दूसरी बार में 5 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल या दोनों का प्रावधान है। इसमें ई हुक्का भी शामिल है।

क्‍या है ई सिगरेट

ई-सिगरेट को आमतौर पर धूम्रपान के विकल्प के रूप में लिया जाता रहा है। हाल ही में कुछ ऐसी रिसर्च सामने आई हैं जिनके मुताबिक इसका सेवन अस्थमा समेत कई दूसरी बीमारियों की वजह बन सकता है। इसमें प्रयुक्त केमिकल जानलेवा हैं, इसके दुष्प्रभावों से पॉपकॉन लंग्स एवं लंग्स कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।

आपको बता दें कि ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इन्हेलर है, जिसमें निकोटिन और अन्य केमिकल युक्त लिक्विड भरा जाता है। ये इन्हेलर बैट्री की ऊर्जा से इस लिक्विड को भाप में बदल देता है जिससे पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा एहसास होता है। लेकिन ई-सिगरेट में जिस लिक्विड को भरा जाता है वो कई बार निकोटिन होता है और कई बार उससे भी ज्यादा खतरनाक केमिकल। इसलिए ई-सिगरेट को सेहत के लिहाज से बिल्कुल सुरक्षित नहीं माना जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.