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    Pahalgam Attack: भारत-पाक बार्डर से अफगान ट्रेड बंद, आइसीपी में 22 के बाद नहीं आई कोई गाड़ी

    Updated: Tue, 29 Apr 2025 05:40 AM (IST)

    22 अप्रैल की पहलगाम में हुई घटना के बाद जब भारत ने सख्ती की तो पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से आने वाले ड्राई फ्रूट के 35 ट्रकों को वाघा सीमा पर ही रोक दि ...और पढ़ें

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    भारत-पाक बार्डर से अफगान ट्रेड बंद (फोटो- जागरण)

    विपिन कुमार राणा, जागरण, अमृतसर। 2019 में पुलवामा हमले के बाद अटारी-वाघा सड़क मार्ग से होने वाला भारत-पाक का ट्रेड बंद कर दिया गया था, लेकिन भारत के साथ अफगानिस्तान का व्यापार बदस्तूर जारी रहा।

    ड्राई फ्रूट के 35 ट्रकों को वाघा सीमा पर ही रोका

    22 अप्रैल की पहलगाम में हुई घटना के बाद जब भारत ने सख्ती की तो पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से आने वाले ड्राई फ्रूट के 35 ट्रकों को वाघा सीमा पर ही रोक दिया है। वर्ष 2023-24 (दिसंबर 2024 तक) अटारी मार्ग के रास्ते अफगानिस्तान से 3,115.99 करोड़ रुपये का आयात हुआ था।

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    ड्राई फ्रूट की मांग सर्दियों में होती है

    इस सीजन की बात करें तो ज्यादातर माल अफगानिस्तान से आ चुका है और कोल्ड स्टोर में लग चुका है, जबकि दस प्रतिशत के आसपास माल नहीं आया है। चूंकि ड्राई फ्रूट की मांग सर्दियों में होती है, ऐसे में अभी इनके दाम में कोई भी बढ़ोतरी नहीं हुई है।

    बता दें कि भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार के तहत भारतीय व्यापारी विभिन्न वस्तुओं का आयात करते हैं, जिनमें ड्राई फ्रूट की तमाम आइटमों के अलावा मुलेठी, रतनजोत, ब्रह्मजसू, असू, सूखे और ताजे फल, अनारदाना, दालें आदि शामिल हैं।

    राष्ट्रीय हित से ऊपर कुछ भी नहीं है

    फेडरेशन ऑफ किराना एंड ड्राई फ्रूट कामर्शियल एसोसिएशन के प्रधान अनिल मेहरा का कहना है कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार बढ़ रहा था, लेकिन अब एक बार फिर यह ठप हो गया है। राष्ट्रीय हित से ऊपर कुछ भी नहीं है।

    पंजाब में पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड ट्रेड के पूर्व अध्यक्ष आरएस सचदेवा का कहना है कि उन्होंने ड्राई फ्रूट आयातकों से बात की, जिनमें से सभी ने व्यक्तिगत या व्यावसायिक लाभ से अधिक देश हित को प्राथमिकता दी।

    अफगानिस्तान भारत पर 99 प्रतिशत निर्भर

    अनिल मेहरा ने बताया कि अफगानिस्तान से भारत को होने वाले निर्यात में 99 प्रतिशत हिस्सा कृषि और उससे जुड़े उत्पादों का है। वहां पर तख्ता पलट के बाद इस सेक्टर पर काफी असर पड़ा था। बादाम, अंजीर, किशमिश, मुनक्का, खजूर, खुबानी जैसे ड्राई फ्रूट के फार्म बंद हो गए थे।

    स्थिति सुधरने के बाद उस तरफ कुछ राहत रही, लेकिन अब यह स्थिति इस पर और विपरीत असर डालेगी। उनका कहना है कि इस रूट से व्यापार बंद हो गया है, लेकिन समुद्री मार्ग से हो रहा है और यह काफी महंगा पड़ता है।

    इस सीजन का ज्यादातर माल आ चुका है और कोल्ड स्टोर में लग चुका है

    नतीजतन इनके भाव में अब फिर से तेजी होना तय है। इस सीजन का ज्यादातर माल आ चुका है और कोल्ड स्टोर में लग चुका है, जबकि दस प्रतिशत के आसपास ही माल आने वाला बचा है।

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