Aditya L1 Mission: सूर्य मिशन को लेकर ISRO ने दिया अपडेट, 6 अक्टूबर को 16 सेकंड के लिए यान में हुआ ये बदलाव
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने अपने पहले सूर्य मिशन को लेकर एक नया अपडेट शेयर किया है। दरअसल आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान पूरी तरह से ठीक है और सूर्य-पृथ्वी एल1 की ओर बढ़ रहा है। इसरो की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अंतरिक्ष यान लगातार सूर्य की ओर बढ़ रहा है। 6 अक्टूबर को 16 सेकंड के लिए इसमें थोड़ा बदलाव किया गया था।

एजेंसी, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने अपने पहले सूर्य मिशन को लेकर एक नया अपडेट शेयर किया है। दरअसल, आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान पूरी तरह से ठीक है और सूर्य-पृथ्वी एल1 की ओर बढ़ रहा है।
इसरो ने किया पोस्ट
इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि ट्रैजेक्टरी करेक्शन मेन्यूवर (TCM) ने 6 अक्टूबर को 16 सेकंड के लिए काम किया था। पोस्ट में कहा गया, "अंतरिक्ष यान स्वस्थ है और सूर्य-पृथ्वी L1 की ओर बढ़ रहा है। एक ट्रैजेक्टरी करेक्शन मेन्यूवर (टीसीएम), 6 अक्टूबर को लगभग 16 सेकंड के लिए किया गया था। 19 सितंबर को किए गए ट्रांस-लाग्रांजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) पैंतरेबाज़ी को ट्रैक करने के बाद मूल्यांकन किए गए प्रक्षेप पथ को सही करने के लिए इसकी आवश्यकता थी। टीसीएम यह सुनिश्चित करता है कि अंतरिक्ष यान एल1 के आसपास हेलो कक्षा सम्मिलन की ओर अपने इच्छित पथ पर है। जैसे-जैसे आदित्य-एल1 आगे बढ़ता रहेगा, कुछ ही दिनों में मैग्नेटोमीटर फिर से चालू हो जाएगा।"
16 सेकंड के लिए बंद हुआ इंजन
इसरो की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, अंतरिक्ष यान लगातार सूर्य की ओर बढ़ रहा है। 6 अक्टूबर को 16 सेकंड के लिए इसमें थोड़ा बदलाव किया गया था। अपने बयान में इसरो ने कहा कि 19 सितंबर को किए गए ट्रांस-लाग्रांजियन प्वाइंट इंसर्शन (TL1I) को ट्रैक करने के बाद पथ को सही करने के लिए इसकी आवश्यकता पड़ी थी। जैसे-जैसे अंतरिक्ष यान आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे मैग्नोमीटर फिर से चालू हो जाएगा।
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पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थापित होगा अंतरिक्ष यान
मालूम हो कि भारत का पहला सूर्य मिशन पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा और एल1- बिंदू की परिक्रमा करेगा। इस दौरान वह सूर्य से जुड़े कई राज खोलेगा। यान ने लगभग 10 लाख किमी की दूरी तय कर ली है और पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकल चुका है।
सूर्य के रहस्य का अध्ययन करना काफी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इसके सतह का तापमान लगभग 9,941 डिग्री फारेनहाइट है। सूरज के बाहरी कोरोना का तापमान अभी तक मापा नहीं जा सका है। इसी को देखते हुए आदित्य एल1 पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी के लगभग एक प्रतिशत दूरी 15 लाख किलोमीटर पर मौजूद एल1 की पास की कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
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