Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Voter ID से लिंक होगा आधार कार्ड, चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय की मीटिंग में बड़ा फैसला

    Updated: Tue, 18 Mar 2025 07:51 PM (IST)

    Election Commission देश भर के मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ा जाएगा। इसको लेकर एक बड़ा फैसला चुनाव आयोग ने लिया है। जल्द ही चुनाव आयोग और आधार तैयार करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के तकनीक विशेषज्ञ इस पर काम करेंगे। आयोग के पास वैसे भी मौजूदा समय में 66 करोड़ से अधिक मतदाताओं के आधार मौजूद है।

    Hero Image
    Voter ID से लिंक होगा आधार कार्ड।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता पहचान पत्रों में गड़बड़ी के आरोपों से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने अब देश भर के मतदाता पहचान पत्रों (इपिक) को आधार से जोड़ने का अहम और बड़ा फैसला लिया है।

    साथ ही कहा है कि इसे सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही आयोग और आधार तैयार करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) के तकनीक विशेषज्ञ मिलकर काम शुरू करेंगे।

    बैठक में लिया गया बड़ा फैसला

    आयोग के पास वैसे भी मौजूदा समय में 66 करोड़ से अधिक मतदाताओं के आधार मौजूद है, जिसे मतदाता पहचान पत्रों से जोड़ने के लिए मतदाताओं ने स्वैच्छिक रूप से ही आयोग को मुहैया कराया है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को यह फैसला केंद्रीय गृह सचिव, सचिव विधायी विभाग व यूआईडीएआई के सीईओ के साथ लंबी चर्चा के बाद लिया है। इस चर्चा के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के साथ चुनाव आयुक्त डॉ. एसएस संधू व डा विवेक जोशी मौजूद थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फर्जी नामों की होगी जाएगी पहचान

    इस दौरान मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने से जुड़े सभी कानूनी और तकनीकी पहलुओं को सामने रखा गया। सूत्रों के मुताबिक इस बीच आयोग ने मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने के लिए तैयार किए एप्लीकेशन के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि इससे किसी भी तरह का डाटा एक-एक दूसरे के साथ साझा नहीं होगा। यह सिर्फ मतदाताओं को प्रमाणित करेगी। साथ ही फर्जी और गलत तरीके से कई बार जोड़े गए मतदाताओं की पहचान को सामने लाएगी। आधार से ईपिक के जुड़ने से मतदाताओं को भी लाभ होगा।

    आयोग ने दिया कानूनों का हवाला

    दरअसल, मूलभूत सुविधाओं की प्राप्ति के लिए हर व्यक्ति तब आधार में अपना पता बदल लेता है लेकिन ईपिक को बदलने की कोशिश बहुत कम करते हैं। आधार से जुड़ने के बाद इपिक में बदलाव भी आसान हो जाएगा। आयोग ने बैठक में लोक प्रतिनिधित्व कानून के अनुच्छेद 326 का भी हवाला दिया और कहा कि इसके तहत वोट देने का अधिकार सिर्फ उसी को मिल सकता है जो देश का नागरिक हो। और यह बात सिर्फ आधार से प्रमाणित हो सकती है। यही वजह है कि इसे आधार जोड़ना जरूरी है।

    आयोग के मुताबिक इस फैसले से पहले संविधान से जुड़ी धारा 23(4) ( 5) और (6) के भी कानूनी पहलुओं को देखा गया है। साथ ही इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के 2023 के फैसले को भी ध्यान में रखा गया है जिसमें आधार को आवश्यक नहीं किया गया था। आयोग के सूत्र मानकर चल रहे हैं कि आधार से इपिक के जोड़ने के लाभ को देखते हुए मतदाता खुद ही इसके लिए आगे आएंगे।

    मतदाता पहचान के आधार से जुड़ने पर ये मिलेगा फायदा

    • मतादाता सूची से जुड़ी गड़बडि़यां खत्म होगी।
    • मतदाताओं की एक प्रमाणित सूची देश के सामने आएगी।
    • मतदाता सूची में फर्जी नामों से कोई नहीं जुड़ सकेंगे।
    • राजनीतिक दलों की शिकायतें खत्म हो जाएगी।
    • मतदाता सूची में अलग-अलग जगहों से कोई जुड़ नहीं सकेगा। यानी दो जगहों से नहीं जुड़े पाएंगे।

    99 करोड़ में से 66 करोड़ के अधिक मतदाता के आधार आयोग के पास

    चुनाव आयोग के मुताबिक देश में मौजूदा समय में 99 करोड़ से अधिक मतदाता है। इनमें से 66 करोड़ से अधिक के आधार आयोग के पास स्वैच्छिक रूप से ही उपलब्ध है।

    हालांकि अभी इसे मतदाता पहचान पत्रों से ¨लक नहीं किया गया है। ऐसे में इस प्रक्रिया में आयोग को सिर्फ बाकी के 33 करोड़ मतदाताओं के ही आधार जुटाने की नई चुनौती रहेगी। जिसे जल्द ही हासिल कर लिया जाएगा। मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक करने का काम ट्रायल के तौर पर 2015 में शुरू किया गया था।

    यह भी पढ़ें: 'हजारों लोग रो रहे', फ्लैट खरीदारों को परेशान करने वालों को SC ने सुनाई खरी-खरी, CBI जांच की कही बात

    यह भी पढ़ें: भारत से कम या ज्यादा, पाकिस्तान-श्रीलंका में कितना है रेल किराया? अश्विनी वैष्णव ने संसद में दी जानकारी