MP में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सड़क पर 'रेड कार्पेट', बना इंजीनियरिंग का नया मॉडल
भोपाल-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-45 का हिस्सा इंजीनियरिंग का मॉडल बना। वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले 12 किमी हिस्से को टेबल टाप रेड मा ...और पढ़ें

वन्यजीव क्षेत्र में बनी लाल सड़क।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भोपाल को जबलपुर से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-45 का एक हिस्सा इंजीनियरिंग और वन्यजीव संरक्षण का नया मॉडल बन गया है। वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से होकर गुजरे हाईवे के करीब 12 किलोमीटर के इस हिस्से को टेबल टाप रेड मार्किंग तकनीक से सुरक्षित बनाया गया है।
स्थानीय लोग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के इस नवाचार को रेड कार्पेट तकनीक कहते हैं। दरअसल, राजमार्ग का यह हिस्सा पहाड़ी को काटकर बनाया गया है। कई अंधे मोड़ भी हैं। वन्य प्राणियों की मौजूदगी भी यहां अक्सर बनी रहती है। हाईवे पर हादसे न हों, इसके लिए इसमें पांच मिमी मोटी लाल रंग की उभरी हुई मार्किंग की गई है, जिससे कोई वाहन गुजरता है तो हल्के झटके लगते हैं और वाहन की गति स्वत: नियंत्रित हो जाती है।
ट्रक ड्राइवर ने क्या कहा?
ट्रक चालक आकाश ने कहा कि इससे दुर्घटना की आशंका भी कम हो गई है। इसके अलावा यहां 25 अंडरपास बनाने के साथ चेन लिंक बाड़ लगाई गई है, ताकि वन्यजीव सड़क पर न आएं। रात में दुर्घटनाएं न हों, इसके लिए दोनों किनारों पर पांच मिमी की वाइट शोल्डर लाइन बनाई गई है, जो वाहन किनारे जाते ही ड्राइवर को तेज झटका देकर सतर्क कर देती है।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने क्या कहा?
एनएचएआई जबलपुर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत साहू का कहना है कि हाईवे पर गति नियंत्रक उपकरण स्थापित किए गए हैं। टेबल टाप रेड मार्किंग भी की गई है, जिससे सड़क देखने में सुंदर और सुरक्षित हो गई है। दुर्घटना का खतरा भी कम हो गया है।

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