Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    SC: क्या डॉग लवर्स को मिलेगी राहत? सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की नई पीठ आज करेगी सुनवाई

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 07:17 AM (IST)

    आवारा कुत्तों से संबंधित एक याचिका का बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया तो प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने आश्वासन दिया कि वह इस पर गौर करेंगे। सुप्रीम कोर्ट आज को इस मामले में सुनवाई करेगा। जस्टिस गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष एक वकील ने कान्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) की याचिका का उल्लेख किया

    Hero Image
    कुत्तों से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की नई पीठ आज करेगी सुनवाई (फाइल फोटो)

     डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आवारा कुत्तों से संबंधित एक याचिका का बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया, तो प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने आश्वासन दिया कि वह इस पर गौर करेंगे। सुप्रीम कोर्ट कल गुरुवार को इस मामले में सुनवाई करेगा। जस्टिस गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष एक वकील ने 'कान्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया)' की याचिका का उल्लेख किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुप्रीम कोर्ट ने परस्पर विरोधाभासी निर्देश जारी किए

    सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक संगठन की वकील ननिता शर्मा ने आवारा कुत्तों के मामले का उल्लेख किया और कहा कि शीर्ष अदालत की अलग-अलग पीठों ने परस्पर विरोधाभासी निर्देश जारी किए हैं।

    यह पीठ गुरुवार को मामले की सुनवाई करेगी

    इस पर प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि वह इसे देखेंगे। बाद में उन्होंने यह मामला तीन सदस्यीय नई पीठ के हवाले कर दिया। इस पीठ में जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया शामिल हैं। यह पीठ गुरुवार को मामले की सुनवाई करेगी।

    किसी भी परिस्थिति में कुत्तों की अंधाधुंध हत्या नहीं

    ननिता शर्मा ने जस्टिस जेबी पार्डीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ के हालिया आदेश के साथ ही जस्टिस जेके माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ के मई, 2024 के आदेश का उल्लेख किया जिसमें आवारा कुत्तों से संबंधित याचिकाओं को संबंधित हाई कोर्टों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

    जस्टिस माहेश्वरी ने कहा था, ''किसी भी परिस्थिति में कुत्तों की अंधाधुंध हत्या नहीं की जा सकती और सभी जीवित प्राणियों के प्रति करुणा होनी चाहिए।''

    ऐसी सच्चाई याद दिलाने की जिम्मेदारी न्यायपालिका की : सुप्रीम कोर्ट

    दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों पर अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि न्यायपालिका की एकमात्र जिम्मेदारी है कि वह लोगों को उन सच्चाइयों की याद दिलाने का साहस और शक्ति रखे जिन्हें वे सुनना पसंद नहीं करते।

    सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त के आदेश की प्रति बुधवार को अपलोड की गई। इसमें जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को शीघ्रता से हटाना शुरू करें और उन्हें स्थायी रूप से आश्रय गृहों में डालें।

    आदेश में कही गई है ये बात

    आदेश में कहा गया है, 'न्यायपालिका को भावनाओं के प्रभाव में नहीं आना चाहिए क्योंकि उसकी भूमिका तात्कालिक भावनाओं को प्रतिध्वनित करना नहीं, बल्कि न्याय, विवेक और समता के स्थायी सिद्धांतों को कायम रखना है।'