Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूनेस्को विश्व विरासत की संभावित सूची में भारत के 50 और स्थल, दिल्ली के कई ऐतिहासिक क्षेत्र शामिल

    By AgencyEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sun, 24 Sep 2023 08:59 PM (IST)

    भारत विविध प्रकार के विरासत स्थलों का घर है जिनमें कुछ को ही यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया है। हाल ही में रवींद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन और कर्नाटक के होयसाला को इस श्रेणी में शामिल किया गया है। हालांकि अब इस सूची में भारत के 42 विरासत स्थल हैं। इनमें से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तीन सांस्कृतिक स्थल हैं।

    Hero Image
    दिल्ली के कई ऐतिहासिक क्षेत्र सूची में शामिल (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत विविध प्रकार के विरासत स्थलों का घर है जिनमें कुछ को ही यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया है। हाल ही में रवींद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन और कर्नाटक के होयसाला को इस श्रेणी में शामिल किया गया है। हालांकि, अब इस सूची में भारत के 42 विरासत स्थल हैं। इनमें से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तीन सांस्कृतिक स्थल हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल हुआ यह मंदिर, जानें क्या है इसकी खासियत

    भारत की ऐसी अद्भुत विरासतों में 34 सांस्कृतिक, सात प्राकृतिक और एक मिश्रित रूप से प्राकृतिक व सांस्कृतिक है, जबकि यूनेस्को की विश्व विरासत की संभावित सूची में देशभर में पचास ऐसे नामित स्थल हैं, जो नव पाषाण युग की बस्तियां हैं।

    बहाई टेम्पल भी यूनेस्को की सूची में शामिल

    दिल्ली का बहाई टेम्पल (लोटस टेम्पल के नाम से प्रसिद्ध) भी यूनेस्को की विश्व विरासत की अनुमानित सूची में शामिल है। इसके अलावा, दिल्ली के चार ऐतिहासिक क्षेत्र महरौली, निजामुद्दीन, शाहजहांबाद और नई दिल्ली भी ऐतिहासिक रूप से बेहद समृद्ध हैं। दिल्ली क्षेत्र सिल्क रूट में आता था।

    पुरातात्विक खोजों में पता चला है कि प्राचीन इतिहास वाले दिल्ली में तीसरी सदी से चौथी सदी और फिर मुगलकाल तक सांस्कृतिक विरासत की कई परतें हैं। खोदाई में 1000-500 बीसी तक बर्तनों के टुकड़े मिले हैं। इसलिए महरौली, निजामुद्दीन, शाहजहांबाद और नई दिल्ली को प्रस्तावित कर दिल्ली को विश्व विरासत नगर की संभावित सूची में नामित किया गया है।

    दिल्ली के विरासत स्थल

    फिलहाल दिल्ली में विश्व विरासत स्थलों में लाल किला परिसर, हुमायूं का मकबरा और कुतुब मीनार शामिल है। इसके अलावा, सन 1311 में बना अलाई दरवाजा भी प्रस्तावित सूची में शामिल है, जो आसपास की दो मस्जिदों को जोड़ता है। इनमें से एक उत्तर भारत की सबसे पुरानी मस्जिद है। इन स्मारकों को वहां पहले से मौजूद करीब 20 हिंदू मंदिरों को तोड़कर उनके अवशेषों से बनाया गया है।

    दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विपुल सिंह ने बताया कि यह मंदिर स्थानीय राजाओं ने बनवाए थे। इन मंदिरों में अकूत धन था जिसे लूटने के बाद आक्रांताओं ने मंदिरों को ध्वस्त करके उनके मलबे से इस्लामिक इमारतें बना लीं।

    यह भी पढ़ें: शांतिनिकेतन को मानने होंगे UNESCO के कड़े नियम, भवनों से लेकर पेड़-पौधों को उसके मूल स्वरूप में रखना अनिवार्य

    14 मराठा किले यूनेस्को टैग के इंतजार में

    छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 साल पूरे होने पर महाराष्ट्र को वेस्टर्न घाट में स्थित 14 मराठा किलों को यूनेस्को व‌र्ल्ड हेरिटेज टैग मिलने का बेसब्री से इंतजार है। वर्ष 2012 से वेस्टर्न घाट विश्व विरासत घोषित हो चुके हैं, लेकिन इन पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित मराठा योद्धाओं के 14 किले अप्रैल, 2021 से यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल हैं। लेकिन अब इन किलों को औपचारिक मंजूरी का इंतजार है।

    इन किलों के नाम रायगढ़, शिवनेरी, राजगढ़, तोरना, लोहागढ़ (सभी पुणे), नासिक स्थित सालहर, अंकाई-तंकाई, मुलहर, कोल्हापुर का रंगना, रायगढ़ का अलीबाग, पदमादुर्ग, खानदेरी, ¨सधुगढ़ का किला और रत्नागिरी स्थित सुवर्णदुर्ग है।