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    वन्यजीव संरक्षण के लिए बड़ी सफलता, नवेगांव नागजीरा टाइगर रिजर्व में दिखीं 50 विशाल उड़ने वाली गिलहरियां

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 09:17 PM (IST)

    गोंदिया के नवेगांव नागजीरा टाइगर रिजर्व में हाल ही में किए गए सर्वे में 50 भारतीय विशाल उड़ने वाली गिलहरियों की उपस्थिति दर्ज की गई। ये गिलहरियाँ पेड़ों के बीच लंबी छलांग लगाने में सक्षम होती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार आवास की हानि और जंगलों के क्षरण के कारण इनकी संख्या प्रभावित हो रही है। यह खोज वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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    एनएनटीआर में दिखी 50 भारतीय विशाल उड़ने वाली गिलहरियां। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोंदिया के नवेगांव नागजीरा टाइगर रिजर्व (NNTR) में हाल ही में किए गए एक सर्वे में करीब 50 भारतीय विशाल उड़ने वाली गिलहरियों की उपस्थिति दर्ज की गई है। यह खोज वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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    विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिलहरी अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की 'सबसे कम चिंताजनक' श्रेणी में आती है। लेकिन आवास की हानि, जंगलों का क्षरण और शिकार जैसे कारणों से इसकी संख्या प्रभावित हो रही है।

    सर्वे की अहमियत

    एनएनटीआर के उप निदेशक पवन जेफ ने बताया कि फरवरी में चरण IV की निगरानी के दौरान वैज्ञानिकों ने इन गिलहरियों की मौजूदगी को दर्ज किया। उन्होंने कहा, "ऐसे सर्वेक्षण से हमें इनके संरक्षण और सुरक्षा के लिए बेहतर रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।"

    इस गिलहरी के बारे में अब तक क्या है मालूम

    भारतीय विशाल उड़ने वाली गिलहरी कृंतक (Rodent) परिवार का सदस्य है और यह भारत, चीन, लाओस, म्यांमार, श्रीलंका, ताइवान, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इन गिलहरियों की खासियत यह है कि ये लंबी छलांग लगाकर एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक "उड़ने" में सक्षम होती हैं। यह खोज वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणवादियों के लिए उत्साहजनक है और इससे इन दुर्लभ गिलहरियों के संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

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