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    Telangana Tunnel Rescue: सुरंग में फंसे चार लोगों के ठिकाने का पता चला, मंत्री बोले- उनके जीवित होने की आशंका एक प्रतिशत

    नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों ने ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) का इस्तेमाल किया और सुरंग के अंदर कुछ विसंगतियों का पता लगाया जिससे ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका मिली। आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा है कि फंसे हुए कुल आठ लोगों में से चार के ठिकाने का पता लगा लिया गया है लेकिन उनके बचने की आशंका एक फीसदी है।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 02 Mar 2025 06:41 AM (IST)
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    तेलंगाना सुरंग हादसे में बचाव अभियान में एक बड़ी सफलता मिली (फोटो- एएनआई)

     पीटीआई, नगरकुरनूल। तेलंगाना सुरंग हादसे में एक सप्ताह से चल रहे बचाव अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है। आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा है कि फंसे हुए कुल आठ लोगों में से चार के ठिकाने का पता लगा लिया गया है, लेकिन उनके बचने की आशंका एक फीसदी है।

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    पिछले कुछ दिनों में काफी तेजी से हुआ काम

    कृष्ण राव ने सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी और बचाव अभियान में शामिल अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इसके बाद उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में काफी प्रगति हुई है।

    उन्होंने कहा, ''मेरे विचार से, रडार के माध्यम से चार व्यक्तियों का पता लगा लिया गया है।'' उन्होंने उम्मीद जताई कि रविवार शाम तक उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा। अन्य चार लोग टनेल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के नीचे फंसे हुए प्रतीत होते हैं।

    बचाव अभियान में 11 एजेंसियों के कर्मचारी

    जिन चार लोगों का पता लगाया गया है, उनकी स्थिति के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने याद दिलाया कि उन्होंने पहले दिन ही कहा था कि उनके बचने की संभावना बहुत कम है। उन्होंने कहा कि 450 फीट लंबी बोरिंग मशीन को काटा जा रहा है। इस बचाव अभियान में 11 एजेंसियों के कर्मचारी शामिल हैं।

    बचाव कार्य जोरों पर

    पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने कहा कि बचाव कार्य जोरों पर है। फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाने हेतु टीबीएम को काटा जा रहा है। शनिवार सुबह एक टीम सुरंग के अंदर गई..पानी निकालने और मलबा हटाने की प्रक्रिया भी साथ-साथ चल रही है। जो भी बाधाएं आ रही हैं, हमें उन्हें हटाना ही होगा।

    सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे स्वजन

    फंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्य उनकी स्थिति को लेकर आशंकित हैं। वे अपने स्वजनों की सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे हैं। फंसे हुए श्रमिकों में से एक गुरप्रीत सिंह के रिश्तेदारों ने दावा किया कि उन्हें बचाव दल की ओर से कोई अपडेट नहीं मिला है। एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि उसने अधिकारियों से आग्रह किया था कि उसे सुरंग में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए, लेकिन उसका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया।

    सुरंग में फंसे हैं ये लोग?

    • 22 फरवरी को श्रीसैलम लेफ्ट बैंक नहर (SLBC) सुरंग परियोजना पर काम कर रहे आठ कर्मचारी एक हिस्से के ढह जाने के बाद फंस गए।
    • फंसे हुए व्यक्तियों की पहचान मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), श्रीनिवास (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू और कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) के तौर पर की गई है।
    • इसके अलावा झारखंड के रहने वाले संदीप साहू, जिगता एक्सेस संतोष साहू और अनुज साहू भी शामिल हैं।
    • आठ में से, दो इंजीनियर हैं, दो ऑपरेटर हैं और बाकी चार झारखंड के श्रमिक हैं।
    • दो इंजीनियर और चार श्रमिक जयप्रकाश एसोसिएट्स द्वारा नियुक्त हैं, जो एसएलबीसी टनल परियोजना की ठेकेदार फर्म है।

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