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PLI Scheme के तहत 32 कंपनियां लैपटॉप, सर्वर व पीसी बनाने के लिए तैयार, HP-DELL समेत इन कंपनियों ने किया आवेदन

मोबाइल फोन के बाद भारत अब आईटी हार्डवेयर से जुड़े लैपटॉप टैबलेट ऑल इन वन पीसी एवं अल्ट्रा स्माल फार्म फैक्टर (यूएसएफएफ) जैसे आइटम के उत्पादन में दुनिया को पीछे छोड़ने की तैयारी में है। आईटी हार्डवेयर के इन आइटम के निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत 32 कंपनियों ने आवेदन कर उत्पादन के लिए अपनी दिलचस्पी दिखाई है।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalPublished: Wed, 30 Aug 2023 09:53 PM (IST)Updated: Wed, 30 Aug 2023 09:53 PM (IST)
PLI Scheme के तहत 32 कंपनियां लैपटॉप, सर्वर व पीसी बनाने के लिए तैयार (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोबाइल फोन के बाद भारत अब आईटी हार्डवेयर से जुड़े लैपटॉप, टैबलेट, ऑल इन वन पीसी एवं अल्ट्रा स्माल फार्म फैक्टर (यूएसएफएफ) जैसे आइटम के उत्पादन में दुनिया को पीछे छोड़ने की तैयारी में है। आईटी हार्डवेयर के इन आइटम के निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत 32 कंपनियों ने आवेदन कर उत्पादन के लिए अपनी दिलचस्पी दिखाई है।

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3.35 लाख करोड़ रुपए मूल्य के उत्पादन का अनुमान

आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई स्कीम की अवधि छह साल की है और इस दौरान 3.35 लाख करोड़ रुपए मूल्य के उत्पादन का अनुमान है। अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए इस अवधि में कंपनियां 2430 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी और अगले छह साल में 75,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार निकलेंगे। सरकार ने इन कंपनियों को एक निश्चित सीमा से अधिक उत्पादन व निर्यात करने पर इंसेंटिव देने के लिए 17,000 करोड़ रुपए का बजट रखा है।

इन कंपनियों ने किया आवेदन

पीएलआई स्कीम के तहत आवेदन करने वाली कंपनियों में प्रमुख रूप से एचपी, डेल, लेनेवो, थामसान, नेटवेब, वीवीडीएन, फेल्क्सट्रोनिक्स, आप्टिमस जैसी कंपनियां शामिल है। एप्पल ने टैब बनाने के लिए पीएलआई स्कीम के तहत आवेदन नहीं किया है। अभी भारत में इस्तेमाल होने वाले 80 प्रतिशत से अधिक लैपटॉप का आयात किया जाता है और इनमें चीन की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। घरेलू स्तर पर उत्पादन शुरू होने से इस आयात में भारी कमी आएगी और भारत आईटी हार्डवेयर का निर्यातक भी बनेगा।

'पीएलआई स्कीम के तहत अपना उत्पादन शुरू कर सकती है सभी कंपनियां'

इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वर्ष 2024 से लेकर वर्ष 2025 तक सभी कंपनियां पीएलआई स्कीम के तहत अपना उत्पादन शुरू कर सकती है। आईटी हार्डवेयर के उत्पादन के दौरान 40-45 प्रतिशत तक स्थानीय स्तर पर वैल्यू एडीशन का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन के निर्माण में भारत अब दूसरे नंबर पर है। वैसे ही अगले कुछ सालों में भारत आईटी हार्डवेयर के निर्माण में भी शीर्ष पर पहुंच सकता है।

अगले साल सेमीकंडक्टर का भारत में शुरू होगा निर्माण

वैष्णव ने बताया कि पीएलआई स्कीम के तहत इन 32 कंपनियों के उत्पादन शुरू करने से इनकी सप्लाई चेन से जुड़ी सैकड़ों कंपनियां भी निवेश करेंगी। अगले साल सेमीकंडक्टर का भारत में निर्माण शुरू होने से भी इन कंपनियों को मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि दुनिया की सभी बड़ी कंपनियों के लिए एक भरोसेमंद सप्लाई चेन पार्टनर के रूप में उभर रहा है। अक्टूबर से लैपटॉप व अन्य आईटी हार्डवेयर के आयात पर रोक की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। इससे भी पीएलआई स्कीम के तहत उत्पादन शुरू करने वाली कंपनियों को मदद मिलेगी।


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