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    PLI स्कीम के तहत फार्मा सेक्टर से जुड़े 14 प्रोजेक्ट्स में उत्पादन शुरू, निर्यात में दर्ज की गई बढ़ोतरी

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Tue, 08 Nov 2022 09:08 PM (IST)

    इस साल अप्रैल-अगस्त में फार्मा उत्पादों के निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 3.47 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। फार्मा उत्पाद में एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इंग्रिडिएंट्स (एपीआइ) बल्क ड्रग्स स्टार्टिंग मैटेरियल्स ड्रग इंटरमीडिएट्स और विभिन्न प्रकार की दवा व संबंधित आइटम शामिल होते हैं।

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    अप्रैल-अगस्त के दौरान आयात में 40 प्रतिशत की गिरावट

    नई दिल्ली, राजीव कुमार। इलेक्ट्रानिक्स और मोबाइल फोन के बाद फार्मा सेक्टर में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) स्कीम का असर दिखने लगा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल-अगस्त के दौरान फार्मा उत्पादों के आयात में गत वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। खास बात यह है कि फार्मा उत्पाद का आयात गिर रहा है और निर्यात बढ़ रहा है।

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    PLI से घटा फार्मा उत्पादों का आयात

    इस साल अप्रैल-अगस्त में फार्मा उत्पादों के निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 3.47 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। फार्मा उत्पाद में एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इंग्रिडिएंट्स (एपीआइ) बल्क ड्रग्स, स्टार्टिंग मैटेरियल्स, ड्रग इंटरमीडिएट्स और विभिन्न प्रकार की दवा व संबंधित आइटम शामिल होते हैं। जानकारों का कहना है कि पीएलआइ स्कीम के तहत फार्मा से संबंधित विभिन्न प्रकार का उत्पादन शुरू हो चुका है, जिससे आयात में कमी आ रही है।

    फार्मास्युटिकल्स विभाग के मुताबिक तीन साल पहले तक इस्तेमाल होने वाले 53 प्रकार के विभिन्न एपीआइ की 90 प्रतिशत घरेलू पूर्ति आयात से होती थी। इनमें से 35 एपीआइ का उत्पादन घरेलू स्तर पर शुरू चुका है। फार्मा से जुड़ी पीएलआइ स्कीम के तहत 51 उत्पाद मंजूर किए गए हैं और 14 प्रोजेक्ट में इनका उत्पादन शुरू हो चुका है।

    फार्मा सेक्टर में आयात पर निर्भरता कम करने को लाई गई थी पीएलआइ स्कीम

    80 से 85 प्रतिशत एपीआइ के लिए चीन पर थे निर्भर दो साल पहले तक भारत घरेलू स्तर पर इस्तेमाल होने वाले 80-85 प्रतिशत एपीआइ और विभिन्न आर्गेनिक कंपाउंड के लिए चीन पर निर्भर था। अब यह निर्भरता कम होने लगी है। यही वजह है कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-अगस्त में आर्गेनिक कंपाउंड के आयात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 22.6 प्रतिशत की गिरावट रही।

    पीएलआइ स्कीम के तहत

    हाल ही में सरकार ने हिमाचल, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बल्क ड्रग्स के तीन पार्क को मंजूरी दी है। पीएलआइ स्कीम के तहत 41 प्रकार के फार्मा प्रोडक्ट्स के उत्पादन के लिए वित्त वर्ष 2028-29 तक पीएलआइ स्कीम के तहत 15,000 करोड़ रुपए के इंसेंटिव दिए जाएंगे। फार्मा संबंधित आइटम के आयात में कमी आने की मुख्य वजह आत्मनिर्भर भारत के तहत लाई गई पीएलआइ स्कीम है।

    इसके तहत केमिकल आधारित कई बल्क ड्रग का उत्पादन घरेलू स्तर पर होने लगा है, जिनका पहले आयात किया जाता था। दवा की मांग में कमी से भी फार्मा संबंधित आयात में कमी आई है।-बीआर सिकरी, वरिष्ठ पदाधिकारी, बल्क ड्रग्स मैन्यूफैक्चरर्स आफ इंडिया

    दुनियाभर से फार्मा प्रोडक्ट का आयात आंकड़ावित्त वर्ष 2021-22 के अप्रैल-अगस्त में 1.86 अरब डालर का आयातवित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल-अगस्त में 1.1 अरब डालर का आयातवित्त वर्ष 2018-19 (अप्रैल-मार्च) में 2.08 अरब डालर का आयात वित्त वर्ष 2019-20 (अप्रैल-मार्च) में 2.33 अरब डालर का आयातवित्त वर्ष 2020-21 में 2.55 अरब डालर का आयात वित्त वर्ष 2021-22 में 3.44 अरब डालर का आयात

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