LPG गैस सिलेंडर 50 रुपये महंगा, पेट्रोल-डीजल का उत्पाद शुल्क 2 रुपये बढ़ा; जानिए उज्ज्वला योजना का हाल
पेट्रोलियम मंत्री पुरी से जब पूछा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के सस्ता होने के बावजूद एलपीजी बिक्री में ओएमसी को इतना घाटा कैसे हो गया तो उनका जवाब था कि एलपीजी कीमत का अंतरराष्ट्रीय मानक सउदी सीपी की कीमत जुलाई 2024 में 385 डॉलर प्रति टन था जो फरवरी 2025 में 629 डॉलर प्रति टन हो चुका है। इस वृद्धि का बोझ ओएमजी अभी तक उठा रहे थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मंगलवार से देश में रसोई गैस सिलेंडर 50 रुपये महंगा हो जाएगा। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तरफ से सोमवार (सात अप्रैल) को यह जानकारी दी गई। 8 अप्रैल से उज्ज्वला योजना के तहत 14.2 किलोग्राम के गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये से बढ़ा कर 550 रुपये और गैर-उज्ज्वला कनेक्शन के तहत गैस सिलेंडर की कीमत 803 रुपये से बढ़ा कर 853 रुपये होगी।
इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी भी कर दी है। लेकिन इससे इनकी खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी क्योंकि तेल कंपनियों ने इसका समायोजन अपनी लागत में करने का फैसला किया है। बहरहाल, इस फैसले से साफ है कि अब जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बरल के करीब पहुंच चुकी हैं तो उसका तत्काल फायदा आम जनता को नहीं मिलेगा।
सरकार ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
जब कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट है तब सरकार ऐसा फैसला क्यों कर रही है? पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि तेल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) काफी लंबे समय से लागत से कम कीमत पर रसोई गैस की की बिक्री कर रही हैं। सरकार की नीति रही है कि लागत से कम कीमत पर आम जनता को जब रसोई गैस सिलेंडर दी जाती है तो उसकी भरपाई की जाती है।
वर्ष 2023-24 में तेल कंपनियों को 28 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ था तो उसके लिए 22 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान बजट से किया गया था। वर्ष 2024-25 में तेल कंपनियों को इस मद में 48 हजार करोड़ रुपये का घाटा संभावित है। अब जो पैसा बढ़े हुए उत्पाद शुल्क से वसूला जाएगा, उससे तेल कंपनियों को उक्त घाटे के एक हिस्से की भरपाई की जा सकेगी।
पिछले साल गैस की कीमतों में हुई थी कटौती
दो-दो रुपये का उत्पाद शुल्क पेट्रोल व डीजल पर लगाने से एक साल में तकरीबन 32 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व सरकार वसूलेगी। राजस्व संग्रह की यह राशि पहले सरकार के खजाने में जमा की जाएगी, उसके बाद उससे ओएमसी का आवंटन होगा। सनद रहे कि मार्च 2024 में केंद्र सरकार ने सामान्य एलपीजी ग्राहकों केलिए गैस सिलेंडर की कीमत में सौ रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की थी।
पुरी ने यह भी कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 60-65 डॉलर प्रति बैरल बनी रहती है तो तेल कंपनियां पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतों में कटौती करने को सोच सकती हैं। सोमवार को कच्चे तेल की कीमत 61.88 डॉलर प्रति बैरल रही है। वैश्विक मंदी की वजह से इसमें कमी होने की संभावना जताई जा रही है।
पेट्रोल और डीजल पर कितना हुआ उत्पादन शुल्क?
- उत्पाद शुल्क को लेकर केंद्र सरकार का जो फैसला है उसके मुताबिक पेट्रोल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क 11 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा कर 13 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। डीजल पर यह शुल्क आठ रुपये से बढ़ा कर 10 रुपये प्रति लीटर की गई है। यह टैक्स संग्रह सरकार राज्यों के साथ साझा नहीं करती।
- इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर केंद्र सरकार की तरफ से आयद टैक्स की कुल दर 21.9 रुपये हो जाती है। इसमें विशेष उत्पाद शुल्क के अलावा 1.40 रुपये प्रति लीटर की बेसिक उत्पाद शुल्क, 2.50 रुपये कृषि अधिभार और पांच रुपये ढ़ांचागत क्षेत्र के लिए वसूला गया अधिभार शामिल है।
- पेट्रोलियम मंत्री पुरी का यह भी कहना है कि भारत में उज्ज्वला ग्राहकों के लिए एक दिन एलपीजी पर खाना बनाने की लागत सिर्फ 6.18 रुपये का है जबकि सामान्य एलपीजी ग्राहकों के लिए यह कीमत 14.18 रुपये प्रति दिन का है।
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