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एक मिनट में बुक होंगे 2.25 लाख रेल टिकट, तीन वर्ष के भीतर सभी पुरानी ट्रेनों के कोच को बदला जाएगा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बजटीय प्रविधानों और आधुनिकीकरण की तैयारियों की दी जानकारी। टिकट बुकिंग और कंट्रोलिंग सिस्टम में 5जी तकनीक अपनाई जाएगी। वहीं रेलवे टिकट और पूछताछ की क्षमता में दस गुना की वृद्धि की जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Fri, 03 Feb 2023 11:26 PM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 02:59 AM (IST)
एक मिनट में बुक होंगे 2.25 लाख रेल टिकट,  तीन वर्ष के भीतर सभी पुरानी ट्रेनों के कोच को बदला जाएगा
टिकट बुकिंग पर बड़ा शोध हुआ है, जिसके बाद टिकट लेना आसान हो जाएगा।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने दो दशक पहले रोड सेक्टर को सुधारने का अभियान शुरू किया था। अब नरेन्द्र मोदी सरकार ने रेल सेक्टर को पटरी पर लाने का बीड़ा उठाया है। बजट में रेलवे को राशि बड़ी मिली है तो काम भी बड़े-बड़े होने हैं।

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टिकट बुकिंग और कंट्रोलिंग सिस्टम में अपनाई जाएगी 5जी तकनीक

यह विश्व का पहला रेलवे होगा, जिसका टिकट बुकिंग और कंट्रोलिंग सिस्टम 5जी तकनीक पर आधारित होगा। आनलाइन टिकट के व्यवधानों को देखते हुए इसकी क्षमता में दस गुना वृद्धि की जानी है। अभी प्रति मिनट 25 हजार टिकट बनते हैं, जिसे बढ़ाकर 2.25 लाख करना है। पूछताछ की क्षमता को प्रति मिनट चार लाख से बढ़ाकर 40 लाख करने की तैयारी है।

रेल मंत्री ने दी जानकारी

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेंस में बजट के प्रविधानों और रेलवे के आधुनिकीकरण की तैयारियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि रेलवे की योजना यात्री आरक्षण प्रबंधन को बेहतर करने की है। टिकट बुकिंग पर बड़ा शोध हुआ है, जिसके बाद टिकट लेना आसान हो जाएगा। हमारा जोर रेलवे के कायांतरण पर है। अगले तीस वर्षों की ट्रैफिक को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है। यात्री सुविधा को ध्यान में रखकर तीन वर्षों के भीतर सभी पुरानी ट्रेनों के कोच बदले जाएंगे। अभी ढाई सौ ट्रेनों के कोच बदल दिए गए हैं। अगले वर्ष 325 ट्रेनों के कोचों को राजधानी के समतुल्य कोच से बदल दिया जाएगा। दिसंबर 2024 तक कवच का 5जी वर्जन भी आ जाएगा।

वंदे भारत ट्रेनों का बड़ा निर्यातक बनने की तैयारी

रेल मंत्री ने कहा कि स्वदेशी तकनीक से विकसित वंदे भारत ट्रेनों के अगले संस्करण को घरेलू जरूरतों के साथ ही निर्यात को भी ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। हम अगले तीन वर्षों में ही हम इस ट्रेन के बड़े निर्यातक बन जाएंगे। अभी इसके कलपुर्जों में यूरोप के देशों ने रुचि ली है। सारे स्लीपर कोच के उसी तरह बनाया जा रहा है। हाइड्रोजन ट्रेनें भी इसी वर्ष दिसंबर तक चलने लग जाएंगी।

दो हजार स्टेशनों पर खुलेंगे जन सुविधा केंद्र

प्रधानमंत्री मोदी की सोच को आगे बढ़ाते हुए रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में वृद्धि की तैयारी है। इसके लिए देशभर के दो हजार रेलवे स्टेशनों पर जन सुविधा केंद्र खोले जाएंगे, जहां दैनिक आवश्यकता के सभी सामान मिल सकें। इसका आवंटन स्थानीय स्तर पर किया जाएगा। वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के अंतर्गत अब तक 550 स्टेशनों पर 594 स्टाल लगाए जा चुके हैं। इस वर्ष इसे बढ़ाकर 750 स्टेशन तक ले जाना है।

प्रतिदिन 19 किमी नई पटरी बिछाने का लक्ष्य

अगले वित्तीय वर्ष में सात हजार किमी नई रेल पटरियां बिछानी हैं, जो चालू वर्ष से ढाई हजार किमी ज्यादा है। 2014 के पहले सिर्फ प्रतिदिन औसतन चार किमी पटरियां बिछाई जाती थीं, जिसे चालू वर्ष में बढ़ाकर 12 किमी तक पहुंचा दिया गया। इसे बढ़ाते हुए प्रतिदिन 19 किमी का लक्ष्य है। 1,275 स्टेशनों का कायापलट किया जा रहा है।

एक हजार नए फ्लाईओवर और अंडरपास बनेंगे

2014 से अभी तक 10,438 ब्रिज और अंडरपास बनाए गए हैं। चालू वर्ष में एक हजार बन रहे हैं। अगले वित्त वर्ष में भी अतिरिक्त एक हजार का लक्ष्य है। अंडरपास में पानी भरने की शिकायतों को देखते हुए इसे नए तरह से डिजाइन किया जाएगा। दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए फुटओवर ब्रिज का डिजाइन भी बदला गया है।

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