हर दिन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100 वोटर की होगी सुनवाई, बंगाल में EC का महत्वपूर्ण कदम
चुनाव आयोग ने बंगाल में मतदाता सूची की शुद्धता के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में प्रतिदिन 100 मतदाताओं की सुनवाई का लक्ष्य रखा है। सह निर्वाचक पंजी ...और पढ़ें
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30 लाख संदिग्ध वोटरों को सुनवाई के लिए बुलाने की तैयारी में है चुनाव आयोग (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में प्रतिदिन कम से कम 100 मतदाताओं की सुनवाई की जाएगी। पहले यह लक्ष्य प्रतिदिन 50 मतदाताओं का था, जिसे अब बढ़ाया गया है।
इस सुनवाई की जिम्मेदारी सह निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) संभालेंगे। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 10 एईआरओ, यानी राज्य के 294 विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल 2940 एईआरओ नियुक्त किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, लगभग 1000-1500 अतिरिक्त एईआरओ भी नियुक्त किए जा रहे हैं।
मुख्य रूप से दो श्रेणियों के वोटर होंगे सुनवाई के लिए तलब
पहला, नान-मैपिंग मतदाता: लगभग 30 लाख मतदाता ऐसे हैं जिनका नाम या उनके किसी रिश्तेदार का नाम 2002 की पिछली मतदाता सूची (जब राज्य में आखिरी बार एसआइआर हुआ था) में दर्ज नहीं है। ये 'नान-मैपिंग' सूची में शामिल हैं और इन सभी को अनिवार्य रूप से सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा।
दूसरा, संदिग्ध डेटा वाले मतदाता: लगभग 1 करोड़ 67 लाख 45 हजार 911 मतदाताओं के डेटा को आयोग ने संदिग्ध पाया है। उदाहरण के लिए, कुछ मामलों में मतदाता और उनके माता-पिता या दादा-दादी और मतदाता की उम्र जो अंतर है वह संदिग्ध है। इन संदिग्ध मतदाताओं के घर पर बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) जाकर दोबारा सत्यापन करेंगे। बीएलओ यदि उनके डेटा से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो उन मतदाताओं को भी सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। आयोग 16 दिसंबर को मसौदा सूची प्रकाशित करेगा। मतदाता इसमें किसी भी त्रुटि या आपत्ति को दर्ज करा सकते हैं, जिसके आधार पर भी सुनवाई होगी। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
बीएलओ और चुनाव अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर आयोग सख्त
चुनाव आयोग ने बंगाल में एसआइआर के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) और अन्य इस कार्य और चुनाव से जुड़े अन्य अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। आयोग ने बीएलओ के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर सख्त रुख अपनाया है। बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शुक्रवार को भेजे गए एक पत्र में आयोग ने तुरंत और कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है।
आयोग ने सभी जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि बीएलओ या किसी भी चुनाव अधिकारी के खिलाफ हिंसा की प्रत्येक घटना के लिए तुरंत एफआइआर दर्ज कराई जाए। ऐसा करने में विफलता को अत्यंत गंभीरता से लिया जाएगा, और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि इन अधिकारियों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। इससे पहले 28 नवंबर, 2025 को आयोग ने बंगाल के पुलिस महानिदेशक को भी लिखा था, जिसमें कहा गया था कि विभिन्न स्रोतों से बीएलओ और चुनाव कार्य में जुड़े अधिकारियों के जीवन की सुरक्षा के लिए स्पष्ट खतरे की सूचना मिली है।
आयोग ने निर्देश दिया था कि पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी संभावित उपाय किए जाएं ताकि इन क्षेत्र में जाकर चुनाव कार्य करने वाले अधिकारियों को डर, धमकी और अनुचित प्रभाव का कोई स्पष्ट माहौल न हो।
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