हेमंत सरकार की नीतियों के विरोध में आजसू का न्याय मार्च, सुदेश ने कहा- 40 महीने की सरकार को जगाया नहीं जा सकता
आजसू रविवार को राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में तथा विभिन्न मांगों को लेकर राज्य स्तरीय सामाजिक न्याय मार्च निकाला। इस मौके पर पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि सरकार की नीयत में शुरू से खोट है इसलिए इसकी सभी नीतियां गलत बन रही हैं।

राज्य ब्यूरो, रांची: आजसू पार्टी ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में तथा विभिन्न मांगों को लेकर राज्य स्तरीय सामाजिक न्याय मार्च निकाला। माेरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका से बड़ी संख्या में पार्टी नेता और कार्यकर्ता झंडा-बैनर के साथ नारेबाजी करते हुए कचहरी चौक, रातू रोड, किशोरगंज होते हरमू मैदान पहुंचे, जहां सभा का आयोजन हुआ।
सुदेश महतो ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने सभा को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। कहा, राज्य सरकार की नीयत में शुरू से खोट है, इसलिए इसकी सभी नीतियां गलत बन रही हैं।
सरकार पर अहम विषयों की अनदेखी करने का लगाया आरोप
सुदेश ने कहा, जनभावना के अनुरूप नीतियां बनाने और फैसले लेने के लिए सरकार बनती है, आधे-अधूरे प्रयोग के लिए सरकार कतई नहीं बनती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति, नियोजन नीति, ओबीसी आरक्षण, ट्रिपल टेस्ट, विस्थापन नीति, आंदोलनकारियों के मान-सम्मान तमाम अहम विषयों की सरकार ने अनदेखी की है। जातीय जनगणना के प्रति सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं दिखी है।
सरकार की नीतियां अस्पष्ट
उन्होंने कहा कि 40 महीने की सरकार एक भी नीति स्पष्ट रूप से लागू नहीं कर सकी है। सरकार ने न तो घोषणा के अनुरूप बेरोजगारों को भत्ता दिया और न ही युवाओं को नौकरी दी है। इस सरकार ने 1932 का वादा करके 2023 का खतियान लागू कर दिया और अब 60-40 का एक नया फार्मूला आया है।
40 महीने की सरकार को जगाया नहीं जा सकता
सुदेश ने कहा कि सामाजिक न्याय मार्च और आंदोलन के जरिए आजसू सरकार को जगाने नहीं आई है। 40 महीने की सरकार को जगाया भी नहीं जाता है। अब झारखंड की जनता के खड़ा होने और सरकार के काम का मूल्यांकन करने का समय आ गया है।
निकाय चुनाव नहीं होने के लिए सरकार जिम्मेदार: चंद्रप्रकाश
पार्टी के वरिष्ठ नेता सह गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि पंचायत चुनाव के समय भी सरकार ने ओबीसी आरक्षण की अनदेखी की। अब निकाय चुनाव में भी वही तस्वीर है। मेरी तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में पिछड़ों को पंचायत चुनाव में आरक्षण सुनिश्चित कराने को लेकर याचिका दायर की गई।
शीर्ष न्यायालय ने सरकार को स्पष्ट आदेश दिया कि राज्य में अगला जो भी चुनाव हो, उससे पहले ट्रिपल टेस्ट सुनिश्चित हो। लेकिन सरकार ने इस आदेश की अवमानना करते हुए नगर निकाय चुनाव में भी पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों को अनारक्षित कर दिया।
ट्रिपल टेस्ट नहीं होने से अब 34 निकाय परिषद के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त कर दिया गया तथा सभी शक्तियां व कार्य अब प्रशासक संभालेंगे।
इन मांगों के लिए सामाजिक न्याय मार्च
आजसू ने खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति, जातीय जनगणना एवं पिछड़ों को आबादी अनुसार आरक्षण, पूर्व में जो जातियां अनुसूचित जनजाति की सूची में थीं, वे अनुसूचित जनजाति में शामिल करने, सरना धर्म कोड लागू करने, झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान देने आदि मांग उठाई है।
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