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    देश के पहले आदिवासी कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का निधन, 83 साल में ली अंतिम सांस; पूरे झारखंड में शोक की लहर

    रांची के धर्माध्‍यक्ष या पहले आदिवासी कार्डिनल का बुधवार को निधन हो गया। उन्‍होंने 83 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस लीं। उनके फेफड़े में पानी भर गया और इसके बाद धीरे-धीरे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उनके निधन की जानकारी शहर में स्थित बिशप हाउस की तरफ से दी गई है। वह देश के पहले ऐसे आदिवासी थे जिन्‍हें पोप के कैबिनेट में जगह मिली थी।

    By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 05 Oct 2023 08:55 AM (IST)
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    कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो की दो फाइल फोटो।

    जासं, रांची। सेवानिवृत्त महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो (83) का निधन बुधवार को हो गया। वह भारत के पहले आदिवासी कार्डिनल थे। उनकी तबियत मंगलवार को ज्यादा खराब हो गई थी। इसके बाद उन्हें मांडर के काॅन्सटेंट लीबंस अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया गया था।

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    ईश्‍वर के घर में वापस लौटे कार्डिनल टोप्‍पो

    उनके फेफड़े में पानी भर गया था। बुधवार अपराह्न 3:45 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से मसीही समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है।

    सहायक धर्माध्यक्ष थियोडोर मस्करेंहास ने बताया कि हमारे कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो परमपिता के पास लौट गए हैं।

    छोटानागपुर चर्च के विकास में उनके अपार योगदान के लिए रांची आर्च डायसिस हमेशा उनका आभारी रहेगा। उन्होंने बिशप की देखभाल करने वाले अस्पताल के कर्मचारियों को भी धन्यवाद दिया है।

    आर्च बिशप ने बताया कि तेलेस्फोर पी टोप्पो के अंतिम संस्कार मास के आयोजन पर रांची आर्च डायसिस जल्द ही निर्णय लेगा।

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    अंग्रेजी, फ्रेंच सहित कई भाषाओं के जानकर थे टोप्पो

    तेलेस्फोर पी टोप्पो भारत के पहले आदिवासी थे, जिन्हें पोप के कैबिनेट में जगह मिली थी। उनकी मातृभाषा कुड़ुख थी। लेकिन अंग्रेजी, फ्रेंच सहित कई भाषाओं के अच्छे जानकर थे।

    2018 से ही उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां शुरू हो गई थीं। मधुमेह ने परेशान कर दिया था। स्मृति भी साथ नहीं दे रही थी। जून में सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें एक सितंबर 2018 को दिव्य माता लघु बसिलिका उलातु में आराम करने के लिए रखा गया था। 

    उनके निधन पर मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी शोक जताया है।

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