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    Year Ender 2025: सीबीएसई ने इस वर्ष सुधार के लिए किये कई बदलाव, छात्रों की शिक्षा को नए सिरे से परिभाषित करने का उद्देश्य

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 05:17 PM (IST)

    सीबीएसई की ओर से छात्रों के ऊपर से पढ़ाई के बोझ को कम करने के साथ आगे चलकर व्यावसायिक चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करने के लिए कई अहम बदलाव किये गए ...और पढ़ें

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    Year Ender 2025

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की ओर से छात्रों की बेहतरी के लिए कई बड़े बदलाव और सुधार किये जा रहे हैं। सीबीएसई की ओर से यह बदलाव छात्रों के ऊपर से तनाव कम करने, उनकी शिक्षा को बेहतर करना, भविष्य के साथ ही आगे चलकर व्यावसायिक चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करना है। इस ओर सीबीएसई की ओर से कई सुधारों की घोषणा हो चुकी है।

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    10th क्लास की बोर्ड परीक्षाएं अब दो बार होंगी आयोजित

    इस वर्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कई बड़े सुधारों की घोषणा की है जो भारत में स्कूली शिक्षा को नए सिरे से परिभाषित करेंगे। कक्षा 10 के छात्रों के लिए सालाना दो बोर्ड परीक्षाएं शुरू करने का एलान किया। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के तनाव को कम करना, वैचारिक शिक्षा में सुधार करना और छात्रों को भविष्य की शैक्षणिक और व्यावसायिक चुनौतियों के लिए तैयार करना है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत किया जा रहा है।

    मूल्यांकन प्रक्रिया में भी बदलाव

    सीबीएसई मूल्यांकन ढांचे को रटने के बजाय कौशल और समझ पर केंद्रित करने के लिए नया रूप देने की कोशिश कर रहा है। इसका सबसे बड़ा बदलाव यह है की 2026 से बोर्ड परीक्षाओं में 50% प्रश्न योग्यता-आधारित होंगे, जिनमें बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ), केस स्टडी, सोर्स बेस्ड क्वेश्चन, मैथमेटिकल एक्सप्लेनेशन और परिस्थिति के मुताबिक सिचुएशन बेस्ड प्रश्न शामिल होंगे।
    इसके अलावा 20 फीसदी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। 30 फीसदी प्रश्न लघु और दीर्घ उत्तरों वाले निर्मित-उत्तर होंगे। इन सुधारों का उद्देश्य समस्या-समाधान कौशल और विश्लेषणात्मक सोच को मजबूत करना है, जिससे छात्र उच्च शिक्षा और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए अधिक तैयार हो सकें।

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    बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए 75% अटेंडेंस जरूरी

    सीबीएसई की ओर से एक और अहम बदलाव किया गया है जिसके तहत अब कक्षा 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे छात्रों को स्कूल में 75 प्रतिशत अटेंडेंस अनिवार्य रूप से रखनी होगी। केवल आपातकालीन, स्पोर्ट्स एक्टिविटी के चलते क्लास न लेने वाले स्टूडेंट्स को 25 प्रतिशत की छूट दी जा सकती है। लेकिन यह छूट उचित सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाने पर ही दी जाएगी। स्कूलों को छात्रों और अभिभावकों को उपस्थिति नियमों और उनका पालन न करने के परिणामों के बारे में सूचित करना होगा।

    सीबीएसई का इन बदलावों के पीछे मुख्य उद्देश्य

    सीबीएसई के 2025 के सुधारों का उद्देश्य एक संतुलित शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो तनाव को कम करते हुए व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए आवश्यक कौशल को बढ़ावा दे। रटने की आदत से वैचारिक समझ की ओर बदलाव, साथ ही योग्यता-आधारित मूल्यांकन, भारत में भविष्य के लिए तैयार शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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