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    क्यों हो रही है एनडीए प्रशिक्षण के दौरान कैडेटों की मौत, क्या इसकी वजह ट्रेनिंग के सख्त नियम हैं

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 02:52 PM (IST)

    पिछले कुछ दिनों से एनडीए की ट्रेनिंग संस्कृति पर सवाल उठाएं जा रहे हैं। दरअसल इस साल ट्रेनिंग के दौरान कई कैडेटों की मौत हो गई और कुछ कैडेट ने ट्रेनिं ...और पढ़ें

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    एनडीए ट्रेनिंग के सख्य नियम।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली: हर साल लाखों की तादाद में अभ्यर्थी यूपीएससी के जरिये एनडीए की परीक्षा देते हैं। यह परीक्षा बेहद ही कठिन होती है। एनडीए की परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को कई चरणों से गुजरना होता है। जो अभ्यर्थी एनडीए की परीक्षा और प्रशिक्षण में खरे उतरते हैं। वही उम्मीदवार एनडीए में अपनी जगह बना पाते हैं। दरअसल पिछले कुछ सालों से एनडीए अपनी परीक्षा और ट्रेनिंग को और ज्यादा सख्त बनाता जा रहा हैं। जिसका असर उम्मीदवारों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। एनडीए के सख्त नियमों और कठिन प्रशिक्षण के कारण बीते कुछ सालों से उम्मीदवारों की मौत और आत्महत्या का सिलसिला यूंही जारी है।

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    क्या है पूरा मामला

    दरअसल एनडीए की ट्रेनिंग के दौरान पिछले कुछ दिनों पहले प्रथम वर्ष के दो कैडेटों की मौत हो गई है। एक कैडेट की मौत स्वीमिंग करते वक्त डूबने से हो गई, जबकि दूसरे कैडेट ने एनडीए की सख्त ट्रेनिंग के कारण आत्महत्या कर ली। ऐसे में अब एनडीए ट्रेनिंग संस्कृति पर लगातार सवाल उठाएं जा रहे हैं और एनडीए को अपने सख्त नियमों को कम करने की मांग भी की जा रही है।

    इस साल इतने कैडेटों की हुई मौत

    साल 2025 में एनडीए ट्रेनिंग के दौरान कई कैडेटों की मौत हुई है। सबसे पहले 28 मार्च, 2025 को आर. रबीजीत की ट्रेनिंग के दौरान मौत हुई थी। इसके बाद 19 मई को चेन्नई में ट्रेनिंग कर रहे उमंग खार की लू लगने से मौत हुई। फिर 06 जुलाई को कुम्भार अथर्व संभाजी की क्रॉस कंट्री दौड़ के दौरान मौत हुई। इसके बाद 10 सितंबर, 10 अक्टूबर और 23 अक्टूबर को भी तीन कैडेटों की मौत हुई।

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    एनडीए ने किया स्पष्ट

    एनडीए प्रशिक्षण के दौरान कैडेटों की हुई मृत्यु पर एनडीए ने स्पष्ट किया है कि ट्रेनिंग के साथ-साथ कैडेटों का मार्गदर्शन भी किया जाता है। हर स्क्वाड्रन में पांच सीनियर अधिकारी नियुक्त होते हैं, जो प्रशिक्षण के दौरान कैडेटों से बात करते है और समय-समय पर उनका मागर्दशन भी करते हैं। यही नहीं एनडीए एक गोपनीय कैडेट मंच भी आयोजित करता है, जहां कैडेट बगैर किसी दवाब या हिचकिचाहट के एकेडमी के सीनियर ऑफिसर से अपनी चिंताएं व्यक्त कर सकते हैं।

    एनडीए प्रशिण के दौरान कैडेटों को मनोवैज्ञानिक सहायता भी दी जाती है। साथ ही काउंसलिंग प्रक्रिया की पूरी निगरानी बटालियन कमांडर द्वारा की जाती है। इसके अलावा, प्रथम सत्र के कैडेटों की दिनचर्या को बेहद ही लचीला बनाया गया है, ताकि वह प्रथम सत्र में ज्यादा दबाव महसूस न करें। इसके साथ ही जिन उम्मीदवारों को अतिरिक्त शारीरिक सहायता की आवश्यता होती है, उन्हें विशेष ट्रेनिंग भी दी जाती है।

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